नई दिल्लीः नए साल में कोरोना को जड़ से मिटाने के लिए हिन्दुस्तान तैयार हो रहा है. सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन के लिए चार राज्यों में ड्राई रन शुरू किया है जिसका कल आखिरी दिन है. केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के मुताबिक पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश और गुजरात के दो- दो जिलों में कोविन- 19 वैक्सीनेशन की तैयारी परखने के लिए ड्राई रन शुरू किया है.
ड्राई रन का एनालिसिस कर एक रिपोर्ट बनाई जाएगी जो राज्यों को कोरोना टास्क फोर्स के पास जाएगी जिसके आधार पर कोविड टास्क फोर्स की गाइडलाइन में कुछ बदलाव किया जाएगा.
ड्राई रन का मकसद क्या होता है?
मोदी सरकार इस लिए ड्राई रन करा रही है कि जब नए साल में कोरोना महामारी के खिलाफ देशव्यापी वैक्सीनेशन शुरू हो कहीं कोई ढील न रहने पाए. इसीलिए ड्राई रन में कोल्ड चेन से वैक्सीनेशन साइट्स तक वैक्सीन लाने- ले जाने की प्रक्रिया परखी जा रही है.
इस दौरान क्या दिक्कतें आ सकती हैं उनका भी पता लगाया जा रहा है . सरकार चाहती है कि ड्राई रन में कोल्ड स्टोरेज से ट्रांसपोर्टेशन और रियल टाइम ट्रैकिंग जैसे सभी डेटा की एंट्री कर ली जाए ताकि वैक्सीनेशन के दौरान कहीं कोई गलती न हो क्योंकि एक छोटी सी गलती जानवेला कोविड वायरस के खिलाफ जंग को फेल कर सकती है.
कोरोना पर PM मोदी का आखिरी प्रहार
चार राज्यों की चुनिंदा लोकेशन पर पांच सेशन में ड्राई रन किया जा रहा है . इसमें शहरी और ग्रामीण दोनों तरह की लोकेशन शामिल हैं जिनमें सीएचसी, पीएचसी, शहरी स्थान, प्राइवेट हेल्थ सेंटर और ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं. ड्राई रन में 25-25 हेल्थ वर्कर्स को शामिल किया गया है.
ड्राई रन पूरा होने के बाद अधिकारी स्टेट टास्क फोर्स (STF) को एक रिपोर्ट सौपेंगे जिसके आधार पर STF गाइडलाइन बनाएगी और फिर ये रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी जाएगी।
देश के 2360 कोरोना फाइटर्स
कोरोना वैक्सीनेशन के लिए पूरे देश में 2360 लोगों को ट्रेनिंग दी गई है. इनमें मेडिकल ऑफिसर, वैक्सीनेटर, अल्टरनेट वैक्सीनेटर, कोल्ड चेन हैंडलर्स, सुपरवाइजर्स, डेटा मैनेजर्स, आशा कोऑर्डिनेटर्स शामिल हैं. इन 2360 लोगों ने देश के 681 जिलों में 49604 मेडिकल ऑफिसर्स को ऑपरेशन गाइडलाइंस के आधार पर ट्रेनिंग दी है .
सरकार पहले प्राथमिकता के आधार पर तीन लाख लोगों को वैक्सीन लगाएगी. सीरम इंस्टीट्यूट का दावा है कि कोविड वैक्सीन कोवीशील्ड को जनवरी में अप्रूवल मिल सकता है. फिलहाल खबर ये है कि 4-5 करोड़ वैक्सीन का स्टॉक तैयार है और जुलाई तक 10 करोड़ डोज की तैयारी की जा रही है.
बच्चों को कोरोना से बचाएगी देसी वैक्सीन?
दुनियाभर में कोरोना की जो वैक्सान बन रही है उनके टेस्ट कहीं भी छोटे बच्चों पर नहीं किए गए. देश में सीरम इंस्टीट्यूट में बच्चों को निमोनया से बचाने वाला टीका तैयार किया है. SII के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. राजीव ढेरे ने कहा है कि वो उम्मीद कर रहे हैं कि निमोकोक्कल वैक्सीन बच्चों में गंभीर निमोनिया को रोकने में अहम रोल निभाएगी साथ में कोरोना से भी बच्चों को बचाने में मददगार होगी
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