Cyclone Jawad से कितना होगा नुकसान, मौसम विभाग ने दिया बड़ा अपडेट

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. पिछले एक साल में ‘गुलाब’ और ‘यास’ की मार झेल चुके इन पूर्वी तटीय राज्यों को चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ राहत मिलने की उम्मीद है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 4, 2021, 02:37 PM IST
  • पुरी तट से टकराकर कमजोर पड़ सकता है चक्रवात
  • भुवनेश्वर में हो रही भारी बारिश
Cyclone Jawad से कितना होगा नुकसान, मौसम विभाग ने दिया बड़ा अपडेट

नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ शनिवार मध्याह्न तक ओडिशा-आंध्र प्रदेश तट पहुंचने से पहले गहरे दबाव में तब्दील होकर कमजोर पड़ सकता है.

अधिकारियों ने यह जानकारी दी. पिछले एक साल में ‘गुलाब’ और ‘यास’ की मार झेल चुके इन पूर्वी तटीय राज्यों को इससे राहत मिलने की उम्मीद है.

पुरी तट से टकराकर कमजोर पड़ सकता है चक्रवात

भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से कहा गया, 'इसके धीरे-धीरे कमजोर पड़ने और अगले 12 घंटे में उत्तर की ओर बढ़ने की उम्मीद है और इसके बाद यह उत्तर की तरफ ओडिशा के तट की तरफ गहरे दबाव के क्षेत्र के रूप में पुरी के पास जा सकता है.”

बुलेटिन में कहा गया कि इसके बाद ‘जवाद’ के और कमजोर होने और उत्तर-पूर्वोत्तर की तरफ ओडिशा से पश्चिम बंगाल के तट की ओर बढ़ने के आसार हैं.

भुवनेश्वर के मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी यू एस दास ने कहा, “यह समुद्र में कमजोर पड़ने के बाद गहरे दबाव के रूप में पुरी के तट से टकरा सकता है.”
विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने शुक्रवार को बताया था कि चक्रवात बंगाल की खाड़ी से जाने से पहले पुरी जिले के आसपास टकरा सकता है.

उन्होंने शनिवार को ट्वीट किया, “एक छोटी सी अच्छी खबर है. चक्रवात के पुरी तट पर पहुंचने तक वह कमजोर पड़ सकता है. मौसम विभाग के ताजा बुलेटिन में यह जानकारी सामने आई है.”

भुवनेश्वर में हो रही भारी बारिश

ओडिशा के पूरे तटीय क्षेत्र में शुक्रवार रात से बारिश हो रही है. मौसम विभाग की ओर से बताया गया कि पिछले 12 घंटे में पारादीप में सबसे ज्यादा 68 मिलीमीटर बारिश हुई और भुवनेश्वर में 10.4 मिलीमीटर बरसात हुई.

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि ‘जवाद’ के कारण ओडिशा के पुरी तट पर 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है, जो 110 किलोमीटर प्रति घंटा भी हो सकती है.

इस बीच जेना ने कहा कि सरकार ने जिला अधिकारियों से कहा है कि गंजाम, खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और कटक जिले के नियाली के प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को निकाला जाए.

उन्होंने कहा कि सभी को नहीं निकाला जाएगा क्योंकि अन्य चक्रवातों की तुलना में ‘जवाद’ की हवा की गति धीमी है.जेना ने कहा की मछली पकड़ने की लगभग 22,700 नौका पहले से समुद्र और चिल्का झील से वापस आ चुकी हैं.भाषा यश शाहिद

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