Cyclone Yaas: तट से टकराने से पहले बंगाल-ओडिशा में हाई अलर्ट, लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया

मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवात के दौरान हवा की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रतिघंटा रहने और इसके बढ़कर 185 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंचने की संभावना है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 26, 2021, 06:53 AM IST
  • कोलकाता और भुवनेश्वर में हवाई और रेल यात्रा रहेगी बंद
  • हाई अलर्ट पर हैं पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड
Cyclone Yaas: तट से टकराने से पहले बंगाल-ओडिशा में हाई अलर्ट, लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया

कोलकाता: चक्रवात यास मंगलवार शाम भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया. इस वजह से पश्चिम बंगाल और ओडिशा सरकार ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जोखिम वाले क्षेत्रों से तकरीबन 12 लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक एम. महापात्रा ने कहा कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिए ‘रेड कोडेड’ चेतावनी जारी की गई है. महापात्र ने कहा, 'उत्तर पश्चिम और बंगाल की खाड़ी में गंभीर चक्रवाती तूफान यास भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है.'

185 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेंगी हवाएं
यह उत्तर- उत्तर पश्चिम की तरफ मुड़ सकता है तथा इसकी तीव्रता और अधिक हो सकती है. यह बुधवार की सुबह तक उत्तर ओडिशा में धमरा बंदरगाह के पास दस्तक दे सकता है. मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवात के दौरान हवा की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रतिघंटा रहने और इसके बढ़कर 185 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंचने की संभावना है.

कोलकाता और भुवनेश्वर में हवाई और रेल यात्रा रहेगी बंद
चक्रवात के खतरे के बीच भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने कहा कि कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बुधवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 7:45 तक उड़ानों का संचालन निरस्त रहेगा. इसी तरह, भुवनेश्वर का बीजू पटनायक हवाईअड्डा मंगलवार रात 11 बजे से बृहस्पतिवार सुबह पांच बजे तक बंद रहेगा. दक्षिण पूर्व रेलवे ने भी कई ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की है.

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हाई अलर्ट पर हैं पश्चिम बंगाल और ओडिशा, झारखंड भी है सतर्क
चक्रवात के मद्देनजर पड़ोसी राज्य झारखंड ने भी अलर्ट जारी किया है और चक्रवात के प्रभाव के मद्देनजर तैयारी की जा रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उनके प्रशासन ने नौ लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. वहीं, ओडिशा सरकार का कहना है कि उसने सुरक्षा को देखते हुए तटीय जिलों से तीन लाख से अधिक लोगों को निकाला है.

आपदा से निपटने के लिए 74 हजार से अधिक कर्मचारी तैनात
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए 74,000 से अधिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अलावा दो लाख से अधिक पुलिसकर्मियों एवं नागरिक स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स (एनडीआरएफ) और स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स (एसडीआरएफ) कर्मियों को तैनात किया गया है और आवश्यकता पड़ने पर सेना की भी मदद ली जाएगी.

बनर्जी ने कहा, 'हमने नौ लाख लोगों को राहत एवं बाढ़ केंद्रों में पहुंचाया है. राज्य में ऐसे 4000 केंद्र हैं. हम 24 घंटे हालात पर नजर बनाए हुए हैं. निगरानी के लिए प्रत्येक ब्लॉक में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं. साथ ही राज्य सचिवालय में भी नियंत्रण कक्ष बनाया गया हैं. मुख्य एवं गृह सचिव जिलाधिकारियों के संपर्क में बने हुए हैं. मैंने दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, झारग्राम, पूर्व मेदिनीपुर के जिलाधिकारियों से बात की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोलकाता के लिए भी पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.

अस्पताल में भर्ती कराई गईं 5000 गर्भवती महिलाएं
ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने कहा कि निचले इलाके के कच्चे घरों में रहने वाले 2.10 लाख से अधिक लोगों को चक्रवात आश्रय गृहों में भेजा गया है. इनमें बालासोर जिले के सबसे अधिक 74,132 लोग और भ्रदक जिले के 73,103 लोग शामिल हैं. एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि करीब 5,000 ऐसी गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है,जोकि एक जून तक बच्चे को जन्म दे सकती हैं.

ओडिशा में गृहराज्य मंत्री करेंगे हालात की निगरानी
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गृह राज्य मंत्री डी एस मिश्रा को राज्य के उत्तरी हिस्से में हालात की निगरानी करने के लिए बालासोर भेजा है. जेना ने कहा कि चार तटीय जिलों केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, भद्रक और बालासोर सबसे अधिक जोखिम वाले इलाके हैं जबकि यास के चलते मयूरभंज, क्योंझर, सुंदरगढ़, ढेंकनाल, अंगुल के अलावा पुरी और खुर्दा जिले का भी हिस्सा प्रभावित होगा.उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ के 52 और ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल की 60 टीमों और अग्निशमन के 205 दलों समेत 404 बचाव दल जोखिम वाले जिलों में तैनात रहेंगे.

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