दिल्ली पुलिस ने जारी किए जामिया प्रदर्शन के सीसीटीवी फुटेज, बस जलाते दिखे प्रदर्शनकारी

22 दिसंबर की शाम को दिल्ली पुलिस ने जो सीसीटीवी वीडियो जारी किए, उनमें एक में कुछ लोग एक बाइक को आग के हवाले करते नजर आ रहे हैं. दूसरे वीडियो में एक बाइक से पैट्रोल निकालने की तस्वीरें हैं. तीसरे वीडियो में डीटीसी की बस जलाने के फुटेज हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 23, 2019, 05:19 AM IST
दिल्ली पुलिस ने जारी किए जामिया प्रदर्शन के सीसीटीवी फुटेज, बस जलाते दिखे प्रदर्शनकारी

नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने 15 दिसंबर (रविवार) को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के पास हुए विरोध प्रदर्शन के सीसीटीवी फुटेज जारी किए हैं. पुलिस ने कुल तीन वीडियो जारी किए हैं, जिनमें बाइक से पेट्रोल निकालने और वाहनों को आग लगाने की तस्वीरें कैद हैं. पुलिस ने दावा किया है कि ये सभी फुटेज 15 दिसंबर के हैं और प्रदर्शनकारियों ने ही आगजनी और हिंसा की थी. पुलिस के मुताबिक, इनसे प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वाले लोगों की पहचान की जा सकती है.

22 दिसंबर की शाम को दिल्ली पुलिस ने जो सीसीटीवी वीडियो जारी किए, उनमें एक में कुछ लोग एक बाइक को आग के हवाले करते नजर आ रहे हैं. दूसरे वीडियो में एक बाइक से पैट्रोल निकालने की तस्वीरें हैं. तीसरे वीडियो में डीटीसी की बस जलाने के फुटेज हैं.

पत्थरबाजी के बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया था
15 दिसंबर को नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के पास उपद्रवी भीड़ ने 4 बसों समेत 8 वाहन फूंक दिए थे और पथराव कर तोड़फोड़ की थी. उपद्रवियों को खदेड़ते हुए पुलिस यूनिवर्सिटी में घुस गई थी. पुलिस ने लाठीचार्ज कर छात्रों को बाहर निकाला था. पुलिस के बल प्रयोग में करीब 100 से अधिक छात्र जख्मी हुए थे. 52 छात्रों को हिरासत में लिया गया था. पुलिस ने मामले में दंगा भड़काने, उपद्रव मचाने, सरकारी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने, पुलिस पर हमला करने की धाराओं के तहत मुकदमा भी दर्ज किया था.

पुलिस की कार्रवाई का हो रहा था विरोध
15 दिसंबर को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के पास प्रदर्शन हो रहा था. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहा यह प्रदर्शन देखते-देखते हिंसक हो गया था. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज किया था. विश्वविद्यालय में हुए लाठीचार्ज को लेकर पुलिस की आलोचना हो रही थी. देखते-देखते वाकये ने राजनीतिक रंग ले लिया था. इसके बाद एक-एक कर देश भर के अलग-अलग हिस्सों से प्रदर्शन शुरू हो गए थे.

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