नई दिल्लीः इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच आम लोगों के लिए एक राहत की ख़बर है. इंडोनेशिया सरकार की तरफ से पाम ऑयल के निर्यात पर से बैन हटने के बाद अब खाद्य तेल और खाने-पीने का सामान सस्ता होने की उम्मीद बढ़ गई है. आम लोगों के साथ-साथ खाद्य तेलों के व्यापारी भी राहत उम्मीद कर रहे हैं.
भारत में कुल खपत का 60 प्रतिशत पाम ऑयल इंडोनेशिया से ही इंपोर्ट होता है. इंडोनोशिया सरकार ने 28 अप्रैल 2022 को जब पाम ऑयल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाया था उसके बाद से भी अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार समेत भारतीय बाज़ारों में भी खाद्य तेलों की कीमतों में उछाल आया था.
राहत की उम्मीद
वनस्पति घी और पॉमोलिन की कीमतें अप्रैल के आखिरी हफ्ते में 10 से 15 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गयी थी. अब जब इंडोनेशिया ने बैन हटाने का ऐलान किया है उसके बाद कीमतों में थोड़ी राहत की उम्मीद है. सरकार का भी मानना है कि भारतीय बाज़ार में कीमतों को नियंत्रित करना आसान होगा.
तेल व्यापारियों का मानना है कि इंडोनेशिया सरकार के फैसले का असर भारत में करीब तीन हफ्ते में दिखना शुरू हो जाएगा. इंडोनेशिया ने इसका ऐलान पिछले हफ़्ते ही कर दिया था जिसके बाद से बाज़ार में स्थिरता है. इस साल भारत 20 बिलियन डॉलर यानी करीब 1,54,000 करोड़ खाने पीने के तेल के इंपोर्ट पर खर्च करेगा जो दो साल पहले के मुकाबले दोगुना है.
बढ़ती महंगाई चिंता का विषय
पेट्रोल और डीज़ल के साथ-साथ खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतें भारत सरकार के लिए चिंता का विषय थीं. शनिवार को सरकार ने पेट्रोल, डीज़ल और गैस सिलेंडर की कीमतों में छूट देकर आम आदमी को जहां बड़ी राहत दी है वहीं अब खाद्य तेलों की कीमतों में भी राहत के आसार हैं. सरकार को उम्मीद है कि इंडोनेशिया के इस फैसले से भारत में खाद्य तेल और खाने-पीने की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.
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