Farmers Protest: Toolkit मामले पर दिल्ली पुलिस ने Zoom से जवाब मांगा

पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ( PJF) ने इस मीटिंग का आयोजन किया था, जिसमें 26 जनवरी को किसानों की हड़ताल और ग्लोबल डे ऑफ एक्शन के तौर तरीकों वाले शीर्षक से Toolkit बनाने का फैसला किया गया था.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 16, 2021, 03:16 PM IST
  • देश और विदेश से लगभग 60 से 70 लोग इस मीटिंग में शामिल हुए थे
  • Toolkit दस्तावेज के एक हिस्से में `प्रायर एक्शन` के नाम से points दर्ज
Farmers Protest: Toolkit मामले पर दिल्ली पुलिस ने Zoom से जवाब मांगा

नई दिल्लीः Farmers Protest में टूलकिट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. दिल्ली पुलिस इस मामले में गहराई से छानबीन में जुटी हुई है. पुलिस ने ZOOM (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म) से उन लोगों के बारे में जानकारी देने को कहा है जो 11 जनवरी की वर्चुअल बैठक में शामिल हुए थे. 

ग्रेटा थनबर्ग के शामिल होने की जांच
सामने आया था कि पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ( PJF) ने इस मीटिंग का आयोजन किया था, जिसमें 26 जनवरी को किसानों की हड़ताल और ग्लोबल डे ऑफ एक्शन के तौर तरीकों वाले शीर्षक से Toolkit बनाने का फैसला किया गया था.

इसमें पुलिस के आरोप के मुताबिक, मुंबई में वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु, दिशा सहित और भी कई लोग शामिल थे. दिल्ली पुलिस Zoom मीटिंग में ग्रेटा थनबर्ग के शामिल होने की भी जांच कर रही है.

60 से 70 लोग हुए थे शामिल!
सूत्रों के मुताबिक, देश और विदेश से लगभग 60 से 70 लोग इस मीटिंग में शामिल हुए थे. पुलिस ने कहा है कि कनाडा में स्थित खालिस्तानी समर्थक संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक MO धालीवाल ने पुनीत के माध्यम से निकिता से संपर्क किया था.

पुलिस ने कहा कि कनाडा की रहने वाली पुनीत नाम की इस महिला ने ही इन लोगों को PJF के साथ जोड़ा था और इसी के माध्यम से `ग्लोबल फार्मर स्ट्राइक` और `ग्लोबल डे ऑफ एक्शन 26 जनवरी` जैसे शीर्षकों वाले टूलकिट गूगल दस्तावेजों का निर्माण किया था. 

ये था पूरा Plan
सूत्रों के अनुसार, एक अन्य महिला अनीता लाल का नाम भी Toolkit दस्तावेज के सह-संस्थापक के रूप में सामने आया है. दिल्ली पुलिस के अनुसार, इस Toolkit दस्तावेज के एक हिस्से में `प्रायर एक्शन` के नाम से कुछ एक्शन पॉइंट्स का उल्लेख किया गया था जैसे कि 26 जनवरी के हैशटैग से डिजिटल स्ट्राइक करना, फिजिकल एक्शन की साजिश रचना आदि शामिल थे.

हालांकि इसे लेकर 23 जनवरी से ही Twitter पर बातों का सिलसिला शुरू हो गया था. दिल्ली पुलिस ने आगे बताया कि इसी दस्तावेज के दूसरे भाग में भारत की सांस्कृतिक विरासत जैसे 'योग', 'चाय' सहित विभिन्न देशों में भारतीय दूतावासों को निशाने पर लेने का प्लान भी शामिल है. 

टूलकिट केस में 10 बड़े खुलासे

  1. शांतनु किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली में मौजूद था
  2. शांतनु 20-27 जनवरी तक टीकरी बॉर्डर पर मौजूद था
  3. दिशा रवि ने WhatsApp पर 10 लोगों का ग्रुप बनाया था
  4. International farmar strike नाम से ग्रुप बनाया
  5. भारत में दंगे कराने की ISI की अंतरराष्ट्रीय साजिश
  6. पाकिस्तानी दूतावासों की खालिस्तानी आतंकियों के साथ बैठक
  7. साज़िश में भारत के कुछ ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल शामिल-सूत्र
  8. ज़ूम के साथ WhatsApp को दिल्ली पुलिस की चिट्ठी
  9. ज़ूम से पुलिस ने पूछा- 11 जनवरी की मीटिंग में कौन-कौन थे?
  10. किसान आंदोलन में हो रही फंडिंग की जांच करेगी दिल्ली पुलिस

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