वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों, व्यापारियों और पर्यटकों को लेकर किए कई बड़े ऐलान

कोरोना के इस दौर में सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को बूस्टर डोज देने और लोगों को राहत देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 28, 2021, 04:42 PM IST
  • कोरोना के चलते सुस्त पड़ गई है अर्थव्यवस्था
  • लोगों को मिलेगी बड़ी राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों, व्यापारियों और पर्यटकों को लेकर किए कई बड़े ऐलान

नई दिल्लीः कोरोना के इस दौर में सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को बूस्टर डोज देने और लोगों को राहत देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान वित्त मंत्री ने कई राहत उपायों का ऐलान करने की बात कही. उन्होंने कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पब्लिक हेल्थ के लिए 23,220 करोड़ रुपयों के बड़े पैकेज की घोषणा की. केंद्र के इस कदम के साथ ही महामारी के समय में इमरजेंसी हेल्थ सर्विसेस को बढ़ावा मिलेगा.

हेल्थ सेक्टर को बड़ा बूस्टर
हेल्थ सेक्टर के बारे में वित्त मंत्री ने कई बड़े ऐलान किए हैं. इस पैकेज में मेडिकल सेक्टर को लोन गारंटी दी जाएगी. हेल्थ सेक्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपए और अन्य सेक्टर्स के लिए 60 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे. इसके तहत 100 करोड़ तक का लोन 7.95 फीसद ब्याज पर दिया जाएगा, वहीं अन्य सेक्टर्स के लिए ब्याज 8.25% से ज्यादा नहीं होगा.

ECLGS को 1.5 लाख करोड़ अतिरिक्त मिलेंगे
इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम में (ईसीएलजीएस) 3 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी. ECLGS 1.0, 2.0, 3.0 में अब तक 2.69 लाख करोड़ रुपए का वितरण किया जा चुका है.

अब ECLGS में 1.5 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे. यानी अब इस स्कीम का कुल दायरा 4.5 लाख करोड़ रुपए हो गया है. 

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छोटे कारोबारियों को लोन
क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत छोटे कारोबारी,  इंडिविजुअल एनबीएफसी  माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूट से 1.25 लाख तक का लोन ले सकेंगे.इसका मुख्य मकसद नए लोन को वितरण करना है. इस पर बैंक के एमसीएलआर पर अधिकतम 2% जोड़कर ब्याज लिया जा सकेगा. इस लोन की अवधि 3 साल होगी और सरकार गारंटी देगी. इस स्कीम का लाभ करीब 25 लाख लोगों को मिलेगा. 89 दिन के डिफॉल्टर समेत सभी प्रकार के उधार लेने वाले इसके लिए योग्य होंगे.

पर्यटन क्षेत्र को मदद का ऐलान
कोविड महामारी से प्रभावित रजिस्टर्ड टूरिस्ट गाइड और ट्रेवल टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स को सरकार वित्तीय मदद देगी. इसमें लाइसेंधारी टूरिस्ट गाइड को 1 लाख रुपए और टूरिस्ट एजेंसी को 10 लाख रुपए का लोन दिया जाएगा. इस लोन को 100% गारंटी दी जाएगी. इस लोन पर कोई प्रोसेसिंग चार्ज नहीं होगा.

विदेशी टूरिस्ट के  लिए बड़ा ऐलान
कोरोना की मार से टूट चुके टूरिज्म सेक्टर के लिए वित्त मंत्री ने राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है. मोदी सरकार पहले 5 लाख विदेशी टूरिस्ट वीजा मुफ्त जारी करेगी. यह स्कीम 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी. इस स्कीम के तहत 100 करोड़ रुपए की वित्ती सहायता दी जाएगी. एक टूरिस्ट को केवल एक बार स्कीम का लाभ मिलेगा. विदेशी टूरिस्टों को वीजा की अनुमति मिलते ही इस स्कीम का लाभ मिलेगा. करीब 1.93 करोड़ विदेशी टूरिस्ट 2019 में भारत आए थे.

आत्मनिर्भर योजना बढ़ेगी
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का विस्तार किया जा रहा है. पीसी में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि अब इस स्कीम को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक किया जा रहा है. इस स्कीम के तहत अब तक करीब 21.42 लाख लाभार्थियों के लिए 902 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. बता दें इस स्कीम के तहत सरकार 15 हजार से कम वेतन वाले कर्मचारियों और कंपनियों के पीएफ का भुगतान करती है. इसके तहत सरकार कर्मचारी-कंपनी का 12%-12% पीएफ का भुगतान करती है. 

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किसानों के लिए ये बड़ा ऐलान
देश के किसानों को 14,775 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी दी गई है. इसमें 9125 करोड़ रुपये की सब्सिडी केवल डीएपी पर दी गई है. वहीं, 5650 करोड़ रुपए की सब्सिडी एनपीके पर दी गई है. रबी सीजन 2020-21 में 432.48 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी की गई है. जबकि, अब तक किसानों को 85,413 करोड़ रुपए सीधे दिए गए हैं.

अन्न योजना पर इतना पैसा होगा खर्च
पिछले 26 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की घोषणा की गई थी. इसके तहत कोविड से प्रभावित गरीबों की मदद मुफ्त अनाज दिया जाता है. शुरुआत में इस स्कीम का लाभ अप्रैल से जून 2020 के दौरान मिला था. इसके बाद इसे बढ़ाकर नवंबर 2020 तक लागू कर दिया था. इस स्कीम के तहत करीब 80 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज नवंबर 2021 तक मुफ्त दिया जाएगा. 

2020-21 में इस स्कीम पर 1,33,972 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. इस स्कीम पर इस साल करीब 93,869 करोड़ रुपए खर्च होंगे. पिछले साल और इस साल मिलाकर इस स्कीम पर करीब 2,27,841 करोड़ रुपए खर्च होंगे. बता दें कृषि से संबंधी सब्सिडी और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पुरानी योजनाएं हैं.

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