नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) स्थित लोनी इलाके में मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो वायरल होने के मामले में नया मोड़ आ गया है. मंगलवार को पुलिस ने स्पष्ट कर दिया था कि ये मामला दो परिवारों की रंजिश से जुड़ा है.
अब मामले को सांप्रदायिक रंग देने के आरोप में गाजियाबाद पुलिस ने सोशल माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) के अलावा 8 अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. पुलिस ने इन सभी पर ट्विटर के जरिए धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया है. इसमें दो कांग्रेस नेता का भी नाम शामिल हैं.
वीडियो वायरल होने के बाद मचा था हड़कंप
दरअसल, बुजुर्ग का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मचा था. आरोप लग रहे थे कि बुजुर्ग ने जय श्री राम नहीं बोला, इसलिए उसकी पिटाई की गई और दाढ़ी काटी गई.
Police registered FIR against Twitter and seven other people.
There is no communal angle to incident in Loni where a man was thrashed & his beard chopped off. Twitter has done nothing to stop the video from going viral, said Ghaziabad Police in the FIR.
— ANI UP (@ANINewsUP) June 15, 2021
लेकिन पुलिस जांच में इसे पूरी तरह आधारहीन पाया गया. इसी बीच कुछ लोगों ने ट्विटर पर इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की. यही नहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जहां इसपर सवाल खड़े किए वहीं सीएम योगी ने उन्हें यूपी को बदनाम न करने की नसीहत दी थी.
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पुलिस ने क्या कहा
एफआईआर में गाजियाबाद पुलिस ने कहा किलोनी में हुई घटना का कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है, जिसमें एक आदमी की पिटाई की गई और दाढ़ी काटी गई. कुछ लोगों ने इस तथ्य की जांच किए बिना अचानक ट्विटर पर घटना को सांप्रदायिक रंग देना शुरू कर दिया और शांति भंग करने के लिए संदेश फैलाना शुरू किया. साथ ही धार्मिक समुदायों के बीच मतभेद पैदा किए. ट्विटर ने भी वीडियो को वायरल होने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया.
जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, उनमें अय्यूब और नकवी वरिष्ठ पत्रकार हैं, जबकि जुबैर फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के लेखक हैं. डॉ शमा मोहम्मद और निजामी कांग्रेस के सदस्य हैं, जो पूर्व में टीवी बहस के दौरान पार्टी का एक प्रमुख चेहरा रहे हैं. वहीं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष उस्मानी को कांग्रेस ने पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में बिहार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार के रूप में उतारा था.
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जानिए क्या है मामला
दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में दावा किया गया कि एक बुजुर्ग मुस्लिम चार लोगों ने मिलकर बुरी तरह पीटा, उससे जबरदस्ती जय श्री राम के नारे लगवाए और उसकी दाढ़ी काट दी. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ लेकिन वीडियो के पीछे की सच्चाई कुछ और है. पुलिस ने वायरल वीडियो में किए गए इन सभी दावों के पीछे की असली वजह बताई है.
गाजियाबाद पुलिस ने कहा उन्होंने एफआईआर दर्ज कर ली है और इस मामले में एक व्यक्ति परवेश गुर्जर को घटना में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है. यह घटना 5 जून की है, लेकिन पुलिस को इसकी सूचना दो दिन बाद दी गई थी. पुलिस का कहना है कि इस पूरी घटना के पीछे की वजह तांत्रिक साधना है.
पीड़ित बुजुर्ग ने आरोपी को कुछ ताबीज दिए थे जिनके परिणाम न मिलने पर नाराज आरोपी ने इस घटना को अंजाम दिया. पुलिस ने यह भी बताया कि पीड़ित ने अपनी FIR में जय श्री राम के नारे लगवाने और दाढ़ी काटने की बात दर्ज नहीं कराई है.
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