नई दिल्ली. प्राचीन मिस्र की महारानी क्लियोपेट्रा आज भी गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले लोगों में से एक हैं. दुनिया की सबसे ग्लैमरस महारानियों में शुमार की जाने वाली क्लियोपेट्रा से जुड़ी कहानियां लोग आज भी पढ़ते हैं. यही कारण है कि क्लियोपेट्रा के नाम से जुड़े ब्यूटी प्रोडक्ट और परफ्यूम भी आपको मार्केट में दिख जाएंगे. लेकिन क्लियोपेट्रा वास्तविकता में किस परफ्यूम का इस्तेमाल करती थीं, यह जानकर आप हैरान हो सकते हैं. हाल ही में वैज्ञानिकों ने यह जानने में सफलता हासिल की है.
क्लियोपेट्रा के परफ्यूम का रिक्रिएशन
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुछ इतिहासकार और केमिस्ट अब क्लियोपेट्रा द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले परफ्यूम को रिक्रिएट करने की कोशिश कर रहे हैं. यह रिक्रिएशन मिस्र की किताबों से मिले उद्धरणों के मुताबिक किया जा रहा है. दरअसल इन किताबों में कुछ ऐसे विशेष ऐसे मिश्रण का जिक्र किया गया है जिनके जरिए सुगंधित चीजें बनाई जाती थीं. इसकी स्टडी कर रहे एक शोधकर्ता सीन कॉफलिन के मुताबिक प्राचीन मिस्र में परफ्यूम बनाने वाले तेल को 10 दिन और 10 रात तक गर्म करते थे. इसके बाद ही इन्हें सुगंधित लड़कियों के साथ मिलाया जाता था. इस प्रक्रिया में लगभग महीने भर का समय लगता था.
कैसे खोजा गया यह रहस्य
कॉफलिन के मुताबिक उनके लिए यह एक रहस्य सरीखा है. क्योंकि अगर आप दुनिया में किसी भी तेल को 10 दिन तक गर्म करते रहेंगे तो उससे सुगंध के बजाए बदबू आने लगेगी. कॉफलिन कहते हैं-लेकिन तेल को गर्म करने की यह सामान्य प्रक्रिया है. जब हमने पुराने मिस्र के तरीके के आधार पर लैब में तेल को गर्म रखा तो हैरान करने वाले नतीजे आए. लगातार गर्म रखने के कारण के तेल से किसी भी तरह की गंध आनी बंद हो गई. इससे वह सिर्फ एक तैलीय पदार्थ बनकर रह गया.
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