Batla House Encounter के हीरो मोहन चंद शर्मा, जिसने 60 आतंकियों को सुला दी मौत की नींद

13 वर्ष पहले दिल्ली के बाटला हाउस में ऐसा क्या हुआ था. जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था. बाटला हाउस एनकाउंटर में इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा शहीद हो गए थे. वो आज भी इस पूरे एनकाउंटर के हीरो माने जाते हैं.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Mar 15, 2021, 08:50 PM IST
  • मोहन चंद शर्मा यानी बाटला हाउस एनकाउंटर के हीरो
  • अपनी दिलेरी से आतंकियों का करते थे The End
Batla House Encounter के हीरो मोहन चंद शर्मा, जिसने 60 आतंकियों को सुला दी मौत की नींद

नई दिल्ली: बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में अदालत ने गुनहगार आरिज खान (Ariz Khan) को फांसी की सजा सुना दी है. कोर्ट ने आरिज खान पर 11 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया, जिसमें से 10 लाख रुपए मोहन चंद शर्मा के परिवार को दिए जाएंगे. वहीं मोहन चंद शर्मा जो हमेशा इस एनकाउंटर हीरो के तौर पर याद किए जाएंगे.

गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा इलाका

19 सितंबर 2008 की तारीख को दिल्ली के जामिया नगर इलाके में अचानक गोलियां चलने की आवाज आई. मौके पर भारी पुलिस तैनात थी और पूरा इलाका छावनी में बदल गया था. ऑपरेशन बाटला हाउस चल रहा था. दिल्ली में 13 सितंबर 2008 को पांच जगह ब्लास्ट हुए, दिल्ली पुलिस ने जांच में पाया था कि बम ब्लास्ट को आतंकी गुट इंडियन मुजाहिद्दीन (IM) ने अंजाम दिया है. जांच के दौरान पुलिस की स्पेशल सेल को जामिया के बाटला इलाके में कुछ आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली.

पुलिस टीम मौके पर पहुंची और बाटला हाउस इलाका में हर तरफ पुलिस दिखाई दे रही थी. वहां मौजूद लोगों को ये अंदाजा भी नहीं था कि हो क्या रहा है. हर किसी की नजर फ्लैट नंबर L-18 पर थी. स्पेशल सेल के सारे जवान सादी वर्दी के थे ताकि घर में छिपे आतंकियों को इस एनकाउंटर की कोई भनक न लगे.

स्पेशल टीम के जवान फ्लैट पर पहुंचे और पीछे से कवर फायर के लिए पुलिस बल आगे बढ़ा, तैयारी पूरी थी. हर स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस की टीम तैयार थी और फिर मुठभेड़ शुरू हुई. बाटला हाउस में अफरा तफरी मच गई. गोलियां चल रही थीं और लोग अपने घरों में बंद हो गए थे. करीब 15 मिनट तक लगातार फायरिंग होती रही.

एनकाउंटर में 2 आतंकवादी मारे गए

इस दौरान बाटला हाउस से एक के बाद एक पुलिस की 2 गाड़िया निकलीं. एनकाउंटर में 2 आतंकवादी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे. ऑपरेशन के दौरान एक आतंकी फरार हो गया, जबकि एक पकड़ा गया. बाटला हाउस एनकाउंटर को दिल्ली पुलिस के जांबाज ऑफिसर मोहन चंद शर्मा लीड कर रहे थे. जो अपने साथियों के साथ आतंकियों के फ्लैट में जा घुसे थे और एनकाउंटर के दौरान शहीद हो गए थे. लेकिन एनकाउंटर के बाद मोहन चंद शर्मा की शहादत पर भी सवाल उठाए गए थे.

19 सितंबर 2008 की है को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के होनहार इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा ने दिलेरी दिखाते हुए एक बड़े मिशन को अंजाम दिया. मोहन वो शख्स थे, जो दिल्ली के जामिया नगर इलाके के बाटला हाउस में हुए मुठभेड़ के हीरो थे. इसी मुठभेड़ के दौरान एमसी शर्मा को गोलियां लग गयी थीं.

बिल्डिंग नंबर L-18 का फ्लैट नंबर 108

दरअसल, 19 सितंबर को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को खबर मिली कि इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी बटला हाउस के एक मकान में मौजूद हैं. आतंकियों को पकड़ने के लिए अपने साथियों के साथ शहीद मोहन चंद शर्मा बाटला हाउस पहुंच गए थे. आतंकी बिल्डिंग नंबर एल-18 के फ्लैट नंबर 108 में छुपे थे.

इंस्पेक्टर शर्मा अपने साथियों के साथ फ्लैट में घुस गए, पुलिसवालों के घुसते ही आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी. एनकाउंटर के दौरान इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा गोली लगने से घायल हो गए.

बुरी तरह जख्मी मोहन चंद शर्मा को होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां 8 घंटे चले इलाज के बाद उनकी मौत हो गई. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें पेट, जांघ और दाहिने हाथ में गोली लगी थी. उनकी मौत अधिक खून बहने की वजह से हुई.

जांबाज की दिलेरी पर जमकर हुई सियासत

मोहन चंद शर्मा जिन्होंने दिलेरी से आतंकियों का सामना किया लेकिन उनकी शहादत पर उस समय खूब राजनीति हुई थी. जिस इंस्पेक्टर शर्मा ने अपनी 21 साल की पुलिस की नौकरी में 60 आतंकियों को मार गिराया था, जबकि 200 से ज्यादा खतरनाक आतंकियों और अपराधियों को गिरफ्तार किया था. उनकी ओर से किए गए ऑपरेशन को कई नेताओं ने खुलकर फर्जी करार दिया था.

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यहां तक कि मोहन चंद शर्मा और उनकी टीम के बुलेप्रूफ जैकेट नहीं पहनने पर भी सवाल उठाए गए थे. लेकिन अब कोर्ट ने आतंकी आरिज खान को इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की मौत का जिम्मेदार ठहराया है और उसे फांसी की सजा दी है तो अदालत के फैसले से उनकी शहादत सही सिद्ध हो गई है और एनकाउंटर पर शक जाहिर करने वाले राजनेता गलत साबित हुए हैं. आपको बता दें कि इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को शहादत के 12 साल बाद साल 2020 में गैलेंट्री अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया.

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