शाहीन बाग से चांद बाग तक कैसी पहुंची साजिश? दिल्ली दंगों के 5 'स्क्रिप्ट राइटर'

दिल्ली को जलाने के पीछे एक या दो नहीं बहुत लोगों की जिम्मेदारी है. लेकिन राजधानी में इस आग की शुरुआत शाहीन बाग से ही हुई थी. शाहीन बाग के प्रदर्शन ने CAA विरोध को चांद बाग तक पहुंचा दिया और जो कुछ हुआ, हर कोई देख रहा है.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Feb 27, 2020, 11:34 PM IST
    1. शाहीन बाग से चांद बाग तक कैसी पहुंची साजिश
    2. तनाव को 'सांप्रदायिक' रंग देने की कोशिश की गई
    3. दिल्ली दंगों का 'स्क्रिप्ट राइटर' कौन?
    4. दोनों पक्षों की ओर से हिंसा हुई, 38 लोगों की मौत
शाहीन बाग से चांद बाग तक कैसी पहुंची साजिश? दिल्ली दंगों के 5 'स्क्रिप्ट राइटर'

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में नागरिकता कानून पर नेताओं की भड़काऊ सियासत इतनी खतरनाक साबित होगी. ये किसी ने सोचा तक नहीं था. दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल के सड़क पर उतरने के बाद अब शांति की तस्वीरें आ रही हैं. लेकिन दूसरी तरफ हर दिन घायलों की मौत से आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. आपको समझाते हैं कि ये पूरी साजिश शाहीन बाग से कैसे चांद बाग तक पहुंच गई.

शाहीन बाग से चांद बाग तक कैसी पहुंची साजिश

1. शाहीन बाग में 75 दिन से सड़क पर कब्ज़ा  
2. नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन
3. सड़क पर कब्जे की वजह से लोगों का गुस्सा बढ़ा
4. शाहीन बाग की तरह जाफराबाद में भी विरोध हुआ
5. जाफराबाद में सड़क पर कब्ज़ा करने की कोशिश की गई
6. जाफराबाद में सड़क पर प्रदर्शन से तनाव बढ़ गया
7. तनाव को 'सांप्रदायिक' रंग देने की कोशिश की गई
8. लोगों में गुस्सा बढ़ने के बाद टकराव के हालात बने
9. तनाव के बाद लोगों का गुस्सा हिंसा में बदल गया
10. दोनों पक्षों की ओर से हिंसा हुई, 38 लोगों की मौत

दिल्ली को कहलाने की साजिश बाकायदा प्लानिंग के तहत की गई. शाहीन बाग से शुरू हुआ प्रदर्शन चांद बाग, जाफराबाद, खजुरी खास जैसी जगहों पर हिंसा की आग और दंगे के घाव दे दिये. कई ऐसे परिवार हैं, जो पलायन को मजबूर हो गए और बैग पैक करके शहर से बाहर जा रहे हैं.

दिल्ली दंगों का 'स्क्रिप्ट राइटर' कौन?

गुनहगार नंबर 1- नेताओं के भड़काऊ बयान

देश की राजधानी में दंगा भड़काने के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी अगर किसी की है तो वो नेताओं समेत अन्य लोगों की भड़काऊ बयानबाजी है.

गुनहगार नंबर 2- CAA पर अफवाह और दुष्प्रचार

नागरिकता संशोधन कानून को हथियार बनाकर देश में जबरदस्त तरीके से दुष्प्रचार किया जाता रहा. देश को आग लगाने की गाथा लिखी गई.

गुनहगार नंबर 3- दिल्ली पुलिस की कमजोर तैयारी

दिल्ली पुलिस के एक जवान ने खुद अपनी जान गंवा दी. रतनलाल की मौत यूं ही नहीं हुई, दंगाईयों पर लगाम लगाने में काफी हद तक पुलिस की तैयारी नहीं थी.

गुनहगार नंबर 4- शाहीन बाग का समाधान ना होना

शाहीन बाग में प्रदर्शन के नाम पर दिल्लीवालों की परेशानी का समाधान ना होना वाकई बड़ा कारण है. मामले को इतने लंबे समय तक सही अंजाम तक नहीं पहुंचाने के चलते शाहीन बाग से निकला आक्रोश दिल्ली को जलाने वाला आग बन गया.

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गुनहगार नंबर 5- PFI और ISI की साजिश

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की नापाक साजिश ने दिल्ली में दंगे भड़काने का ठेका लिया था. पाकिस्तान से सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया गया. PFI ने यूपी की तरह दिल्ली को दहलाने की साजिश रची.

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