क्या दिल्ली दंगे के पीछे है भीम आर्मी के चंद्रशेखर का हाथ?

देश की राजधानी दिल्ली में आग भड़काने वाले दंगाईयों के आकाओं का चेहरा बारी-बारी करके सामने आ रहा है. इसी कड़ी में खबर है कि भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद की भी मुसीबत बढ़ सकती है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 27, 2020, 10:32 PM IST
    1. क्या दिल्ली दंगों का है भीम आर्मी से कनेक्शन?
    2. दिल्ली पुलिस को भीम आर्मी पर गहरा शक
    3. AAP के ताहिर पर बीजेपी के गंभीर आरोप
    4. कांग्रेस पर भारतीय जनता पार्टी का बड़ा हमला
क्या दिल्ली दंगे के पीछे है भीम आर्मी के चंद्रशेखर का हाथ?

नई दिल्ली: AAP नेता ताहिर हुसैन के घर में दंगे के सामान अचानक नहीं आए. बीजेपी आरोप यहां तक लगा रही है कि इसके लिए दो महीने से पूरी प्लानिंग की जा रही थी. खुफिया सूत्रों से ये पता चला है कि भीम आर्मी का नेता चंद्रशेखर ने भी लोगों को घूम-घूमकर भड़काया. चंद्रशेखर अब जांच एजेंसियों के रडार पर है.

क्या दिल्ली दंगों का है भीम आर्मी से कनेक्शन?

दिल्ली दंगे की शुरुआत में भीड़ को उकसाने में भीम आर्मी पर भी पुलिस का शक गहरा रहा है. करदमपुरी इलाके से शुरू हुई हिंसा में भीम आर्मी से जुड़े लोग शामिल थे. ऐसा पुलिस को अभी तक की अपनी तफ्तीश में पता चला है. स्पेशल सेल हिंसा वाले दो दिन मौजूद दर्जनों मोबाईल फोन कॉल की डीटेल्स खंगाल रही है. 

दिल्ली पुलिस को भीम आर्मी पर गहरा शक

जिस हिसाब से जांच आगे बढ़ रही है उससे यही लगता है कि भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं. लेकिन क्या दिल्ली में दंगे के पीछे सिर्फ एक शख्स ही शामिल है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन को कटघरे में खड़ा किया है.

ताहिर पर बीजेपी के गंभीर आरोप

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पूछा है कि "ताहिर जो आम आदमी पार्टी का पार्षद है, उनके घर पर पूरा अस्लहा मिला है, पूरे दंगे की तैयारी मिली है. उस पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी चुप हैं."

कांग्रेस पर बीजेपी का बड़ा हमला

बीजेपी ने कांग्रेस को भी दंगे के पीछे नफरत फैलाने वाला बताया है. बीजेपी का सीधा आरोप है कि दंगे की प्लानिंग 2 महीने से बनाई जा रही थी. शाहीन बाग से ही दंगे की स्क्रिप्ट लिखी जा रही थी. बीजेपी ने बाकायदा सोनिया गांधी पर भी भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया.

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि "दो महीने से लोगों को उकसाया जा रहा है. 14 दिसंबर को रामलीला मैदान में सोनिया जी ने कहा ये आर पार की लड़ाई है. फैसला लेना पड़ेगा इस पार या उस पार सोनिया जी खुद कह रही है."

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अब इन आरोपों का सच क्या है. ये शायद ही जनता कभी जान पाएगी. लेकिन, ये जरूर है कि नागरिकता संशोधन कानून पर नेताओं की भड़काऊ बयानबाजी ने भी आग में घी डालने का काम किया है और आज दिल्ली में दंगे के भयानक नतीजे सबके सामने हैं. लेकिन अगर खुफिया सूत्रों को मिली जानकारी अगर पुख्ता हो जाती है तो निश्चित तौर पर चंद्रशेखर की राजनीतिक दुकान पर ताला जड़ जाएगा.

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