हैदराबाद एनकाउंटर पर बोले चीफ जस्टिस, 'बदले की भावना न्याय नहीं'

देश भर में चर्चा के प्रमुख केंद्र बन चुके हैदराबाद एनकाउंटर की देश के चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने आलोचना की है. हैदराबाद रेप के आरोपियों के एनकाउंटर पर सवाल खड़ा करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने इसे मूल चरित्र के खिलाफ बताया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 7, 2019, 04:41 PM IST
    • चीफ जस्टिस ने बताया मूल चरित्र के खिलाफ
    • चारों आरोपियों का पुलिस ने किया था एनकाउंटर
    • राजस्थान हाईकोर्ट की नई इमारत के उद्घाटन में बोले
हैदराबाद एनकाउंटर पर बोले चीफ जस्टिस, 'बदले की भावना न्याय नहीं'

जयपुर: हैदराबाद में गैंगरेप के आरोपियों के एनकाउंटर पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने गैंगरेप के आरोपियों के एनकाउंटर में मारे जाने की घटना की आलोचना की. एक कार्यक्रम में जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि न्याय कभी भी आनन-फानन में किया नहीं जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर न्याय बदले की भावना से किया जाता है तो अपना मूल चरित्र खो देता है.

चीफ जस्टिस ने बताया मूल चरित्र के खिलाफ

जोधपुर में एक कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि न्याय कभी भी आनन-फानन में किया नहीं जाना चाहिए.  अगर न्याय बदले की भावना से किया जाए तो अपना मूल चरित्र खो देता है. ये नैतिक रूप से बहुत गलत है.

चारों आरोपियों का पुलिस ने किया था एनकाउंटर

इस मामले में आरोपी चार गाड़ी ड्राइवरों और क्लीनरों का शुक्रवार सुबह एनकाउंटर कर दिया गया था. एनकाउंटर शादनगर स्थित चतनपल्ली में वहीं हुआ, जहां दुष्कर्मियों ने डॉक्टर की लाश को जला दिया था. सुबह जैसे ही यह खबर फैली, सड़क से लेकर संसद और सोशल मीडिया तक लोगों ने पुलिस की तारीफ की. लेकिन पुलिस के तरीके पर भी सवाल उठने लगे. रिपोर्ट के मुताबिक हैदराबाद से करीब 50 किलोमीटर दूर शादनगर के पास चटनपल्ली में पुलिस से ये आरोपी हथियार छीनने की कोशिश के बाद भाग रहे थे. इस दौरान पुलिस की कार्रवाई में ये चारों आरोपी मारे गए.

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 राजस्थान हाईकोर्ट की नई इमारत के उद्घाटन में बोले

प्रधान न्यायाधीश जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने ये बातें राजस्थान हाईकोर्ट के उद्घाटन में कहीं. राजस्थान उच्च न्यायालय के जोधपुर स्थित नए भवन का उद्घाटन आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया. इस मौके पर मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे भी मौजूद थे. हाईकोर्ट का मुख्य भवन 22.61 बीघा क्षेत्र में बनाया गया है. इस इमारत में मुख्य न्यायाधीश के न्यायालय कक्ष सहित कुल 22 न्यायालय कक्ष है, जहां अलग-अलग मुकदमों की सुनवाई होगी. 

 

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