लंबे इंतजार के बाद नेवी को मिलेंगे 5 'फ्लीट सपोर्ट शिप', केंद्र सरकार ने अप्रूव किया 20 हजार करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट

भारतीय नेवी की क्षमताओं को ताकत देने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा निर्णय किया है. बुधवार को मोदी सरकार ने 20 हजार करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट को अप्रूव कर दिया है. इसके साथ ही भारतीय नेवी के लिए पांच फ्लीट सपोर्ट शिप (FSS) बनाने का रास्ता साफ हो गया है. युद्धपोतों की मदद में FSS बेहद कारगर होंगे. ये शिप युद्धपोतों को भोजन, ईंधन और गोला-बारूद मुहैया कराने में मदद करेंगे. 

Written by - Pramit Singh | Last Updated : Aug 17, 2023, 08:44 AM IST
  • 9 साल से लटका हुआ था प्रोजेक्ट
  • हजारों की संख्या में सृजित होंगे जॉब
लंबे इंतजार के बाद नेवी को मिलेंगे 5 'फ्लीट सपोर्ट शिप', केंद्र सरकार ने अप्रूव किया 20 हजार करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट

नई दिल्ली. भारतीय नेवी की क्षमताओं को ताकत देने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा निर्णय किया है. बुधवार को मोदी सरकार ने 20 हजार करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट को अप्रूव कर दिया है. इसके साथ ही भारतीय नेवी के लिए पांच फ्लीट सपोर्ट शिप (FSS) बनाने का रास्ता साफ हो गया है. युद्धपोतों की मदद में FSS बेहद कारगर होंगे. ये शिप युद्धपोतों को भोजन, ईंधन और गोला-बारूद मुहैया कराने में मदद करेंगे. 

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक FSS के कॉन्ट्रैक्ट को फाइनल क्लियरेंस केंद्र सरकार की हाई लेवल बैठक में मिली है. यही नहीं इनके निर्माण से आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी और ज्यादा मजबूती मिलने जा रही है. पांचों FSS का निर्माण विशाखापत्तन में हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा किया जाएगा. 

प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों के साथ मिलकर काम करेगी HSL
रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा-करीब 20 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट को क्लियरेंस दी गई है. देश के प्राइवेट सेक्टर से जुड़ी छोटी और बड़ी कंपनियों के साथ मिलकर इन पांचों शिप का निर्माण हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा किया जाएगा. 

9 साल से लटका हुआ था प्रोजेक्ट
बता दें कि FSS प्रोजेक्ट को अप्रूवल लगभग नौ वर्षों बाद मिला है. शुरुआत में यह प्रोजेक्ट साल 2014 में प्रपोज किया गया था. लेकिन किसी न किसी कारणवश यह लटका रहा. लंबे इंतजार के बाद अब इसे क्लियरेंस मिला है. 

देरी की वजहें
इस प्रोजेक्ट के क्लियरेंस में देरी की दो प्रमुख वजहें रही हैं. पहली, एचएसएल और कोरियाई डिजाइन कंसल्टेंट हुंडई हैवी इंडस्ट्रीज के बीच मतभेदों को लेकर. दूसरा, तुर्की की कंपनी टीएआईएस की वजह से क्योंकि आर्टिकल 370 की समाप्ति के बाद तुर्की ने विरोधी स्टैंड लिया था.

हजारों की संख्या में सृजित होंगे जॉब
इस प्रोजेक्ट के क्लियर होने के साथ ही हजारों की संख्या में नए रोजगार भी सृजित होंगे. इसके अलावा इस क्षेत्र से जुड़ी हुए उद्योगों को भी बल मिलेगा. इनमें से हर शिप का भार लगभग 4500 टन होगा और ये करीब आठ साल में बनकर तैयार होंगे.

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