आज एयरफोर्स में शामिल होगा स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर, जानें क्या है इसकी फायरपावर

आज यानी 3 अक्टूबर को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इन स्वदेशी हेलिकॉप्टर्स को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा. बताते चलें कि यह हल्का लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स कई तरह की आधुनिक खूबियों से लैस है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 3, 2022, 09:48 AM IST
  • आज एयरफोर्स में शामिल होगा स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर
  • जानें इस हेलिकॉप्टर की फायरपावर, क्षमता और सभी खासियतें
आज एयरफोर्स में शामिल होगा स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर, जानें क्या है इसकी फायरपावर

नई दिल्ली: दशहरे से ठीक एक दिन पहले यानी 3 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना को 10 लड़ाकू हेलिकॉप्टर मिलने जा रहे हैं. इन लड़ाकू लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये पूरी तरह से स्वदेश में निर्मित हैं. इन हेलिकॉप्टर्स के भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद आसमान में भारत की ताकत और भी ज्यादा हो जाएगी. बता दें कि 4 अक्टूबर को दशहरा है और इस दिन शस्त्र को पूजने की परंपरा रही है. 

जोधपुर में किया जाएगा शामिल

आज यानी 3 अक्टूबर को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इन स्वदेशी हेलिकॉप्टर्स को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा. बताते चलें कि यह हल्का लड़ाकू हेलिकॉप्टर कई तरह की आधुनिक खूबियों से लैस है. आइये जानते हैं इसकी खूबियों के बारे में. 

बढ़ेगी हवाई ताकत

हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल ज्यादातार ऐसी जगहों के लिए किया जाता है जहां पर फाइटर जेट का प्रयोग नहीं कर सकते. ऐसे में इन हेलिकॉप्टर्स को मुख्य रूप से अपने सैनिकों को खोजकर उन्हें बचाना, दुश्मन के हवाई सिस्टम को पूरी तरह से नष्ट करना इसे डिस्ट्रक्शन ऑफ एनेमी एयर डिफेंस (DEAD) भी कहा जाता है. दुश्मनों की घुसपैठ को रोकना, ड्रोन, अनमैन्ड एरियल व्हीकल को मार गिराना और अधिक ऊंचाई पर बने दुश्मनों के बंकर को तबाह करने के लिए सेना में शामिल किया गया है. 

अपनी कटेगरी में है बेस्ट

यह स्वदेशी लाइट कॉम्बैक्ट हेलिकॉप्टर इस कटेगरी में बना अपनी तरह का दुनिया का इकलौता हेलिकॉप्टर है. यह हेलिकॉप्टर ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों से लैंडिंग और टेकऑफ कर सकता है. ऐसी जगहों पर हमला कर सकता है. 

क्या है इसकी स्पीड

इस हेलिकॉप्टर की लंबाई 51.10 फीट है. इसे दो पायलटों के द्वारा उड़ाया जाता है. 50 किलोमीटर की कॉम्बैट रेंज में यह अधिकतम 268 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से उड़ता है. यह लगातार सवा तीन घंटे उड़ान भर सकता है. साथ ही 16,400 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसका कॉकपिट ग्लास से बना है. साथ ही बॉडी फ्रेम कंपोजिट है. यानी इस पर सामान्य असॉल्ट राइफलों की गोलियों का भी असर नहीं होगा. 

लगे हुए हैं ये हथिहार

लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर की चोंच यानी कॉकपिट के ठीक नीचे 20 mm की तोप लगी है. हेलिकॉप्टर में चार हार्डप्वाइंट्स हैं. यानी चार एक जैसे या अलग-अलग तरह के हथियार लगाए जा सकते हैं. जैसे - चार 12 FZ275 लेजर गाइडेड रॉकेट्स या हवा से हवा में मार करने वाली चार Mistral मिसाइलें. चार ध्रुवास्त्र एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें. या चार क्लस्टर बम, अनगाइडेड बम, ग्रेनेड लॉन्चर लगाया जा सकता है. या फिर इन सबका मिश्रण सेट कर सकते हैं. 

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