दो साल से फरार चल रहे आईपीएस मणिलाल पाटीदार ने किया सरेंडर, एक लाख का इनाम भी था घोषित

फरार चल रहे आईपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार ने शनिवार को लखनऊ कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया. वह महोबा के पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे तब उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने महोबा के एक खनन व्यापारी से छह लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 15, 2022, 05:28 PM IST
  • चार पुलिसकर्मी पहले से ही न्यायिक हिरासत में
  • एसआईटी को सौंपी गई थी मामले की जांच
दो साल से फरार चल रहे आईपीएस मणिलाल पाटीदार ने किया सरेंडर, एक लाख का इनाम भी था घोषित

लखनऊ: फरार चल रहे आईपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार ने शनिवार को लखनऊ कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया. वह महोबा के पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे तब उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने महोबा के एक खनन व्यापारी से छह लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. उन्हें 9 सितंबर 2020 को निलंबित किया गया था तब से वह फरार थे.

चार पुलिसकर्मी पहले से ही न्यायिक हिरासत में 

मणिलाल पाटीदार ने आखिककार शनिवार को लखनऊ के अपर जिला सत्र न्यायाधीश/ भष्टाचार निवारण अधिनियम लोकेश वरुण की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. महोबा के एसपी रहे पाटीदार के अधिवक्ता ऐश्वर्य प्रताप सिंह और रणधीर सिंह ने अदालत में तर्क दिया कि पाटीदार को झूठे मामले में फंसाया गया है. अदालत ने पाटीदार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है.

इस मामले में कबरई के बर्खास्त थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार शुक्ला के साथ ही सिपाही अरुण कुमार यादव, सुरेश सोनी व ब्रह्म दत्त तिवारी पहले से न्यायिक हिरासत में निरुद्ध हैं. मामला 11 सिंतबर, 2020 को इस मामले की रिपोर्ट मृतक इंद्रकांत त्रिपाठी के भाई रविकांत त्रिपाठी ने महोबा के थाना कबरई में दर्ज कराई थी. महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार व कबरई थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार शुक्ला व अन्य को नामजद किया गया था.

एसआईटी को सौंपी गई थी मामले की जांच 

सरकारी वकील अभय त्रिपाठी के अनुसार, पहले इस मामले की एफआइआर आइपीसी की धारा 387 (रंगदारी), 307 (हत्या का प्रयास), 120बी (साजिश) व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13 में दर्ज हुई थी. लेकिन उनकी मौत के बाद यह मामला आइपीसी की धारा 307 की जगह 302 (हत्या) में तरमीम हुई. इसके बाद मामले की जांच एसआइटी को सौंप दी गई.

2014 बैच के आईपीएस अधिकारी पाटीदार को भ्रष्टाचार के गंभीर मामले में शासन ने नौ सितंबर 2020 को सस्पेंड कर दिया था. पाटीदार के खिलाफ सितंबर 2020 में महोबा में क्रशर कारोबारी इन्द्रकांत त्रिपाठी को आत्महत्या के लिए उकसाने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था. पुलिस के वसूली के खेल में क्रशर कारोबारी की जान गई थी. इसी मामले में पुलिस को उसकी तलाश थी. 

पाटीदार पर एक लाख का इनाम भी था घोषित 

पाटीदार पर एक लाख का इनाम भी घोषित किया गया था. महोबा के क्रशर कारोबारी इन्द्रकांत त्रिपाठी को 8 सितंबर 2020 को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लग गई थी. इसके करीब 5 दिन बाद कानपुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. इन्द्रकांत त्रिपाठी ने घटना के एक दिन पहले यानी 7 सितंबर 2020 को एक वीडियो जारी कर पाटीदार पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने खुद की हत्या की आशंका भी जताई थी.

निलंबित आईपीएस मणिलाल पाटीदार पर आरोप है कि उन्होंने महोबा में एसपी रहते जमकर धन उगाही की. पाटीदार अपने कॅरियर की शुरूआत से ही बदनाम होने लगे थे. उन पर भ्रष्टाचार और वसूली के कई आरोप लगे लेकिन महोबा के क्रेशर कारोबारी इन्द्रकांत त्रिपाठी की मौत के बाद उनके बुरे दिन शुरू हो गए.

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