मुंबई: महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाने वाले मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह अब खुद कई आरोपों से घिर गए हैं.
महाराष्ट्र के सीनियर आईपीएस अधिकारी संजय पांडे ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने परमबीर सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
उन्होंने पत्र में परमबीर सिंह पर आरोप लगाते हुए लिखा है कि ADG देवेन भारती के खिलाफ जांच के मामले में परमबीर सिंह ने गवाहों को धमकाया था और जांच को प्रभावित किया था.
इसके बाद इस मामले में अतिरिक्त सचिव ने ADG के खिलाफ चल रही जांच को रोकने का आदेश दिया था.
इस पत्र के माध्यम से पांडे ने यह बताने का प्रयास किया है कि मुंबई पुलिस किस तरह काम कर रही है और सचिव किस तरह से इसको प्रभावित कर रहे हैं.
कौन हैं आईपीएस संजय पांडे
संजय पांडे 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. पांडे ने आईआईटी कानपुर से शिक्षा हासिल की है.
1993 में मुंबई में हुए दंगों के मामले में भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे को गिरफ्तार करने के बाद वे चर्चा में आए थे.
साल 2000 में जब गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र के गृहमंत्री थे, तब पांडे ईओडब्ल्यू में डीसीपी का पद संभाल रहे थे.
उसी दौरान पांडे चमड़ा घोटाले में जांच कर रहे थे. जांच के बीच ही पांडे का ट्रांसफर कर दिया गया था, जिस कारण उन्होंने पुलिस सेवा से इस्तीफा भी दे दिया था.
यह भी पढ़िए: बयानों-विवादों से हमेशा चर्चा में रहने वाले अनिल देशमुख का राजनीतिक सफर जानिए
कई गोपनीय जांचों का हिस्सा रहे हैं पांडे
राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए पत्र में आईपीएस अधिकारी संजय पांडे ने यह भी लिखा है कि हाल के वर्षों में उन्हें कई गोपनीय जांचों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
उन्होंने कई मुश्किलों का सामना करते हुए इन जांचों को पूरा किया. उनके काम को देखते हुए शरद पवार सहित कई सीनियर अधिकारियों ने पांडे की तारीफ की थी.
पांडे ने पत्र में यह भी लिखा है कि स्वयं मुख्यमंत्री उद्धव ने भी अच्छे काम को लेकर उनकी तारीफ की थी. जिस बार में शरद पवार ने उन्हें अवगत कराया था.
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) देवेन भारती के खिलाफ जांच की फाइल भी पांडे को सौंपी थी.
देवेन भारती के खिलाफ जांच में आई कई रुकावटें
पांडे ने पत्र में लिखा है कि जब वे ADG देवेन भारती के खिलाफ जांच कर रहे थे, तब पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और ADG के ऑफिस ने जांच में कई तरह की बाधाएं डालने का प्रयास किया था.
इस मामले में परमबीर सिंह ने गवाहों को भी धमकाने का प्रयास किया था. पांडे ने इसे लेकर सरकार के पास भी शिकायत दर्ज कराई थी.
इसके बाद मुख्य सचिव संजय कुमार ने ADG के खिलाफ चल रही जांच को बीच में ही रुकवा दिया था.
जांच करने पर पांडे के खिलाफ कोर्ट में दायर हुआ था केस
पांडे ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में एक अन्य प्रकरण का भी जिक्र किया है. फिनॉलेक्स केस में DG सुबोध जायसवाल पिंपरी-चिंचवड में केस दाखिल नहीं कर रहे थे. जिसके बाद केस दाखिल कराने की जिम्मेदारी पांडे को सौंपी गई थी.
इस मामले में पांडे ने जब जांच आगे बढ़ाई, तो DG सुबोध जायसवाल ने उनसे यह कहा कि वह पुलिस अधिकारी ही नहीं है.
इस मामले में पांडे के खिलाफ कोर्ट में केस भी दायर किया गया था. लेकिन बाद में पांडे की जांच के आधार पर ही इस मामले में केस दायर किया गया था.
क्यों विवादित रहे थे ADG देवेन भारती
ADG देवेन भारती सबसे लंबे समय तक मुंबई में कानून एवं व्यवस्था (लॉ एंड ऑर्डर) के संयुक्त पुलिस कमिश्नर (ज्वाइंट सीपी) के पद पर काबिज रहे थे. आमतौर पर इस पद पर दो साल से अधिक किसी अधिकारी को नहीं रखा जाता है, लेकिन भारती अप्रैल, 2015 से मई, 2019 तक इस पद पर काबिज रहे.
इसके बाद भारती को ATS प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई.
क्यों आहत हैं आईपीएस संजय पांडे
आईपीएस संजय पांडे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर अपने साथ हुए अन्याय को जाहिर करने का प्रयास किया है.
उनका कहना है कि महाराष्ट्र के सबसे सीनियर आईपीएस अधिकारी होने के बावजूद उन्हें कई पदों पर तरजीह नहीं दी गई, जबकि उनसे कई साल जूनियर अधिकारियों को उनसे ऊंचे पदों से नवाजा गया.
पांडे इस बात से सबसे अधिक आहत हैं कि उनके ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर फैसला उनसे काफी जूनियर अधिकारियों के साथ चर्चा लेकर किया गया.
सीनियर मोस्ट आईपीएस अधिकारी होने के बावजूद भी उन्हें पुलिस एस्टब्लिश्मेंट बोर्ड में जगह नहीं दी गई.
यह भी पढ़िए: Letter Bomb: बिना हस्ताक्षर, दूसरी E-Mail ID से आई परमबीर की चिट्ठी, जानिए CMO ने क्या कहा
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.