नई दिल्लीः इस वक्त कांग्रेस के साथ दो बातें बिल्कुल समानांतर चल रही हैं. एक तो यह कि पार्टी में सब अच्छा नहीं चल रहा है, दूसरा यह कि कांग्रेस पार्टी के लोगों में सामंजस्य नहीं बिठा पा रही है. नतीजा निकल कर आ रहा है कि शीर्ष नेता भी इस वक्त दो काम कर रहे हैं, एक तो कांग्रेस को आगाह कर रहे हैं, दूसरा अपनी ही सरकार को चेतावनी दे रहे हैं और मोर्चा खोलने की बात कर रहे हैं. ताजा उदाहरण पार्टी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया का है.
उनके कई तौर तरीके यह संकेत दे रहे हैं कि वह कांग्रेस से ऊब रहे हैं. ऐसा कहने के कारणों पर निगाह डालते हैं.
मध्य प्रदेश सरकार को चेतावनी दे दी
कमलनाथ सरकार और सिंधिया खानदान के इस चश्मोचिराग के बीच सब कुछ ठीक नहीं ही रहा है. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जो कदम उठाया है वह हैरान करने वाला है. उन्होंने कमलनाथ सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार घोषणापत्र को पूरी तरह लागू नहीं करती है तो वह सड़क पर उतरेंगे. एक सभा के दौरान उन्होंने कहा 'घोषणापत्र का एक-एक अंश पूरा होगा और अगर ऐसा नहीं हुआ तो आपके साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सड़क पर उतरेगा.
किसके लिए तलवार बनेंगे सिंधिया?
ज्योतिरादित्य सिंधिया संत रविदास जयंती के अवसर पर टीकमगढ़ जिले में कुडीला गांव में एक सभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने अतिथि शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार बने हुए एक साल ही हुए हैं, थोड़ा सब्र रखिये. आपकी बारी आएगी और अगर आपकी बारी नहीं आई तो मैं आपकी ढाल भी बनूंगा और तलवार भी.
J Scindia,Congress:I want to assure you that your demand is included in our govt's manifesto&it's our sacred text.Have patience.If all promises in manifesto are not fulfilled,don't think you are alone. Jyotiraditya Scindia will also hit the streets with you. #MadhyaPradesh (13.2) pic.twitter.com/SFwAOGALdZ
— ANI (@ANI) February 14, 2020
सिंधिया ने कहा, ''मेरे अतिथि शिक्षकों को मैं कहना चाहता हूं. आपकी मांग मैंने चुनाव के पहले भी सुनी थीं. मैंने आपकी आवाज उठाई थी और ये विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग जो हमारी सरकार के घोषणापत्र में अंकित है वो घोषणापत्र हमारे लिए हमारा ग्रंथ है."
इतनी तल्ख टिप्पणी, ऐसा पहली बार तो नहीं
सिंधिया ने मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार पर ऐसी तल्ख टिप्पणी की हो, ऐसा पहली बार नहीं है. इससे पहले भी पिछले साल सार्वजनिक सभाओं में सिंधिया कर्जमाफी और बाढ़ राहत सर्वे को लेकर सवाल उठा चुके हैं. अक्टूबर 2019 में भिंड में एक रैली के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि अभी सभी किसानों की कर्जमाफी नहीं की गई है.
Jyotiraditya Scindia, Congress, in Bhind, MP: The farm loan waiver of farmers has not been done in totality. Loan of only Rs 50,000 has been waived off even when we had said that loan upto Rs 2 Lakh will be waived off. Farm loan upto Rs 2 Lakh should be waived off. (10.10.2019) pic.twitter.com/6zMW5AyDBu
— ANI (@ANI) October 11, 2019
सिर्फ 50 हजार रुपये का कर्ज माफ किया गया, जबकि हमने 2 लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था. 2 लाख रुपए तक के किसान कर्ज को माफ किया जाना चाहिए.
अपने नेताओं की ही बात सुन ले कांग्रेस तो शायद उबर जाएगी
कांग्रेस नेतृत्व को ही दिखा दिया आइना
बहुत पीछे न चलें, बस बीते हुए कल पर नजर डाल लेते हैं. गुरुवार को कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली की हार पर कांग्रेस आलाकमान को ही नसीहत दे दी है. मध्य प्रदेश के पृथ्वीपुर पहुंचे सिंधिया ने कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर कहा, यह हमारी पार्टी के लिए बहुत निराशाजनक है.
Congress' Jyotiraditya Scindia on #DelhiElectionResult2020: It is highly disappointing for our party. There is an urgent need for a new ideology &a new work process. Country has changed, so we also need to opt for a new way of thinking&connect with the people of the country. pic.twitter.com/dmuu1VdnPF
— ANI (@ANI) February 13, 2020
एक नई विचारधारा और एक नई कार्यप्रणाली की तत्काल जरूरत है. देश बदल गया है, इसलिए हमें देश के लोगों के साथ नए तरीके से सोचने और जुड़ने का विकल्प चुनना होगा.
दिल्ली चुनाव परिणाम पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस नेतृत्व को आईना दिखाया