न्यूज वेबसाइट्स के कंटेंट से मोटा मुनाफा पाते हैं गूगल-फेसबुक, मंत्री बोले- अब साझा होगा पैसा

गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों को भविष्य में कंटेंट के लिए न्यूज पब्लिशर्स के साथ मुनाफा बांटना होगा. इसे लेकर केंद्र सरकार पूरी तैयारी में है. देश के आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पिछले हफ्ते संकेत दिए थे कि केंद्र सरकार एक ऐसे कानून पर विचार कर रही है, जिसके तहत गूगल, फेसबुक, ट्विटर जैसी बड़ी टेक कंपनियों को भारतीय अखबारों और वेबसाइट्स का कंटेट इस्तेमाल करने के लिए पेमेंट करना होगा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 18, 2022, 04:42 PM IST
  • ऑस्ट्रेलिया में पास हुआ था कानून
  • टेक कंपनियों पर लगता है आरोप
न्यूज वेबसाइट्स के कंटेंट से मोटा मुनाफा पाते हैं गूगल-फेसबुक, मंत्री बोले- अब साझा होगा पैसा

नई दिल्लीः गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों को भविष्य में कंटेंट के लिए न्यूज पब्लिशर्स के साथ मुनाफा बांटना होगा. इसे लेकर केंद्र सरकार पूरी तैयारी में है. देश के आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पिछले हफ्ते संकेत दिए थे कि केंद्र सरकार एक ऐसे कानून पर विचार कर रही है, जिसके तहत गूगल, फेसबुक, ट्विटर जैसी बड़ी टेक कंपनियों को भारतीय अखबारों और वेबसाइट्स का कंटेट इस्तेमाल करने के लिए पेमेंट करना होगा.

दरअसल, मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक लेख में लिखा, लोकतंत्र को फलने-फूलने के लिए, हम सत्य, सटीकता और सत्यमेव जयते के लिए समर्पित भारतीय समाचार प्रवर्तकों को आर्थिक रूप से कमजोर नहीं होने दे सकते हैं. 

स्पेन का दिया उदाहरण
स्पेन ने साल 2014 में खुद का वेतन जनादेश लागू करने का प्रयास किया था. इसके बाद गूगल न्यूज स्पेन के बाजार से हट गया था. मगर हाल में यूरोपीय संघ के 2019 के कॉपीराइट नियमों के तहत प्रकाशकों के साथ गूगल ने कुछ सौदे किए. इसके बाद बाजार में लौट आया. नए नियमों की वजह से फ्रेंच मीडिया ने कई नए साइन अप किए. मई 2022 में गूगल ने घोषणा की कि वह फीड के लिए 300 यूरोपियन पब्लिकेशंस को मुआवजा देगा.

ऑस्ट्रेलिया में पास हुआ था कानून
ऑस्ट्रेलिया में भी यह कानून पारित हो चुका है. इसके मुताबिक स्थानीय मीडिया के साथ मुनाफा साझा किया जाएगा. तब ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन पीएम ने भारत, कनाडा, फ्रांस जैसे देशों के साथ भी चर्चा की थी. 

मंत्री ने लिखा कि मीडिया एक अहम संस्था है. यह भारतीय मूल्यों को कायम रखता है और राष्ट्रीय संप्रभुता का समर्थन करता है. 

टेक कंपनियों पर लगता है आरोप
बता दें कि भारत पहला देश नहीं है जो इस तरह के कानून पर काम कर रहा है. टेक कंपनियों और मीडिया हाउस के बीच मुनाफे को लेकर विवाद लंबे समय से दुनिया के अलग-अलग देशों में चल रहा है. टेक कंपनियों पर आरोप लगता है कि वे मीडिया हाउसेस का कंटेंट इस्तेमाल कर मोटा मुनाफा कमाती हैं और इसके बदले उनको भुगतान भी नहीं करती हैं. 

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