नई दिल्ली: Jaipur Bomb Blast Case: रात काली होती है. लेकिन 13 मई, 2008 की रात जयपुर के लोगों के लिए लाल थी. एकदम खून-सी सुर्ख लाल. सड़कें बेगुनाह लोगों के खून से सनी पड़ी थीं. पुलिस के सायरन की आवाज रुक नहीं रही था. यह जयपुर के इतिहास की सबसे भयानक रात रही होगी. देर शाम तक जयपुर में धमाकों की आवाज से गूंजता रहा. सुबह तक खबर आई कि 8 बम धमाकों में 71 लोग मारे गए.
एक के बाद एक 8 बार हुए धमाके
जयपुर का चांदपोल बाजार शहर के सबसे चहल-पहल वाले इलाकों में से एक है. शाम 7 बजे यहां पहला धमाका हुआ. फिर हनुमान मंदिर, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, जौहरी बाजार, हवामहल के सामने, सांगानेरी गेट समेत 8 जगहों पर बम धमाके हुए. इनमें 71 लोगों की मौत हो गई और 185 लोग घायल हो गए.
ATS की जांच में ये सामने आया
जांच होने के बाद ATS ने इन बम धमाकों के पीछे इंडियन मुजाहिदीन का हाथ माना. 12 आतंकी दिल्ली से जयपुर बम लाए. 9 जगहों पर धमाके करने की साजिश थी. लेकिन समय रहते बम डिफ्यूजन स्क्वाड ने एक बम को डिफ्यूज कर दिया. बाकी 8 जगहों पर साइकिल पर लगे बम 16-16 मिनट के अंतराल में फटे.
निचली अदालत ने सजा सुनाई, हाई कोर्ट ने बरी किया
सीरियल बम ब्लास्ट मामले में निचली अदालत ने 4 लोगों को सजा सुनाई. हाईकोर्ट ने बीते साल उनको बरी कर दिया. एक साल से यह मामला देश की शीर्ष अदालत में लंबित है. जिन्हें इस मामले में पकड़ा गया, वे बाहर आ चुके हैं. केवल एक नाबालिग जेल में हैं. उस पर सूरत और अहमदाबाद में 38 मुकदमें दर्ज हैं, इसलिए वह रिहा नहीं हुआ.
SC ने मांगा था रिकॉर्ड
सुप्रीम कोर्ट ने सीरियल बम धमाकों के मामले में हाईकोर्ट से रिकॉर्ड मांगा है. इसी साल मार्च में हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल ने SC को जवाब दिया कि 2008 में हुए धमाकों का रिकॉर्ड हिंदी भाषा में है और काफी ज्यादा है. अनुवाद में समय लगेगा. विशेष न्यायालय सप्ताह में दो दिन सोमवार और मंगलवार को इस मामले में सुनवाई करता है. 130 में से करीब 100 लोगों की गवाही ली जा चुकी है.
16 साल से इंसाफ का इंतजार
16 साल बीत जाने के बाद भी जयपुर बम ब्लास्ट के पीड़ितों को न्याय नहीं मिला है. इन 16 साल में भाजपा और कांग्रेस दोनों की सरकार रही, समय-समय पर बम ब्लास्ट चुनावी मुद्दा भी रहा. लेकिन आज तक दोषियों को सजा नहीं हो पाई है. विलियम ईवार्ट ग्लैडस्टोन ने ऐसे ही मामलों पर कहा है- Justice Delayed is Justice Denied.
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