नई दिल्ली. लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान सहित कई अन्य नये-पुराने सहयोगी दलों के नेताओं की 18 जुलाई को बीजेपी की अगवाई वाले NDA की बैठक में शामिल होने की संभावना है. दरअसल इसे मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होने के विपक्ष के प्रयासों के बीच NDA की इस बैठक को सत्तारूढ़ गठबंधन के शक्ति प्रदर्शन करने के रूप में देखा जा रहा है.
केंद्रीय मंत्री और चिराग पासवान की दूसरी बैठक
इस बीच केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय शुक्रवार रात चिराग से मिले. यह पिछले एक हफ्ते में दोनों नेताओं के बीच दूसरी मुलाकात थी. इसके अलावा, LJP (R) ने बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा द्वारा चिराग को लिखा गया पत्र साझा किया, जिसमें उन्हें NDA की बैठक में हिस्सा लेने का न्योता दिया गया है. पत्र में नड्डा ने LJP (R) को NDA का एक प्रमुख घटक दल करार दिया. उन्होंने इस पार्टी को गरीबों के विकास एवं कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों में एक प्रमुख भागीदार बताया.
चिराग की तरफ दोस्ती का हाथ
भाजपा ने हाल-फिलहाल में चिराग की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाने की भी कोशिश की है. चिराग दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान के बेटे हैं. वह(चिराग) 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ प्रचार करने के लिए NDA से अलग हो गए थे. उस समय नीतीश का जनता दल (यूनाइटेड) NDA का हिस्सा था.
NDA में वापस लाने की कोशिश!
चिराग से संपर्क बढ़ाने की भाजपा नेताओं की कोशिशों को उन्हें NDA में वापस लाने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है. पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में लोजपा में हुई बगावत से चिराग कुछ कमजोर हुए थे, लेकिन वह पार्टी के वोट बैंक को अपने साथ बनाए रखने में सफल नजर आ रहे हैं, जिससे BJP को बिहार में उनकी अहमियत का एहसास हुआ है. उधर, चिराग भी प्रमुख मुद्दों पर BJP का समर्थन करते रहे हैं.
कई दलों को लिखा गया है लेटर!
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी चीफ ने कई अन्य दलों के नेताओं को भी ऐसे पत्र लिखे हैं. इनमें वे दल भी शामिल हैं, जिन्हें बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले अपने साथ जोड़ने की कोशिशों में जुटी है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें नड्डा ने बैठक में आमंत्रित करने के लिए पत्र लिखा है. मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन ने कहा कि वह 18 जुलाई को होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे. सुमन ने कहा कि उन्हें भी बैठक में शामिल होने का नड्डा से न्योता मिला है.
NDA की बैठक में भाजपा के कई नये सहयोगी दलों के हिस्सा लेने की संभावना है, जिनमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का अजित पवार नीत खेमा, बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न छोटे दल और पूर्वोत्तर राज्यों के क्षेत्रीय दल शामिल हैं. बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भी उपस्थित रहने की उम्मीद है.
NDA का शक्ति प्रदर्शन
बैठक को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन करने की NDA की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान यह पहली बार है, जब उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना गुट, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और जनता दल (यूनाइटेड) सहित कई पुराने और प्रमुख सहयोगियों के विभिन्न मुद्दों को लेकर भाजपा से नाता तोड़ने के बाद इतने बड़े पैमाने पर NDA की बैठक हो रही है.
बैठक में कितने दल हिस्सा लेंगे, इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं है. इस बीच, सूत्रों ने बताया कि उनकी संख्या 14 से अधिक होगी. भाजपा के एक नेता ने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व नये साझेदारों से संपर्क साध रहा है जिससे इनकी संख्या में काफी वृद्धि देखने को मिल सकती है. शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के भाजपा नीत मोर्चे में लौटने की अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन इन दोनों दलों (शिअद और तेदेपा) ने इस तरह के किसी घटनाक्रम की पुष्टि करने से इनकार कर दिया है.
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