लखनऊ. जून में हुई इंडिया गठबंधन की पहली बैठक के बाद से मायावती के विपक्षी खेमे में शामिल होने को लेकर कयास लगाए जाते रहे हैं. ज्यादा कयासबाजी के बाद बहुजन समाज पार्टी ने साफ भी किया था कि वह न तो एनडीए और न ही इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनेगी. लेकिन इंडिया गठबंधन में भले ही मायावती शामिल न हों, लेकिन उनके बयान ने बीएसपी के इसमें शामिल होने की उम्मीद अभी भी बरकार रखी है.
बयान से लगाए जा रहे हैं कयास
इस बात के कयास हाल में दिए गए मायवती के बयानों से मिल रहे हैं. दरअसल मायावती ने बीते दिनों एक बयान में किसी का नाम लिए बगैर कहा कि विपक्ष के गठबंधन में बीएसपी सहित अन्य जो भी पार्टियां शामिल नहीं हैं, उनके बारे में किसी का भी फिजूल टिप्पणी करना उचित नहीं है. मेरी उन्हें सलाह है कि वह इससे बचें, क्योंकि भविष्य में देश में जनहित में कब किसको, किसकी जरूरत पड़ जाए, कुछ भी कहा नहीं जा सकता.
समाजवादी पार्टी पर टिप्पणी!
माना जा रहा है कि मायावती की यह टिप्पणी समाजवादी पार्टी को केंद्रित करके की गई थी. पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि मायावती सियासी दांव-पेंच खूब जानती हैं. वो बहुत अच्छी तरीके से जानती हैं कि कौन सी बात कब करनी है. अपनी बात का राजनीति पर असर भी बखूबी समझती हैं. एक सपा नेता के मुताबिक पार्टी नहीं चाहती बीएसपी इंडिया गठबंधन का हिस्सा बने. इसके पीछे साल 2019 के लोकसभा चुनाव में हुए गठबंधन के अनुभव हैं. नतीजों में बीएसपी को फायदा हुआ और उसे 10 लोकसभा सीटों पर जीत मिली. जबकि सपा को 5 सीटें हासिल हुई थी. बीएसपी के वोट सपा की तरफ ट्रांसफर नहीं हुए और उसे नुकसान हुआ.
कांग्रेस का सरकारात्मक रुख
इससे इतर बीएसपी को गठबंधन का हिस्सा बनाने के लिए कांग्रेस के कुछ नेता पक्षधर रहे हैं. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक रतनमणि लाल कहते हैं कि मायावती को लोकसभा चुनाव में किसके साथ गठबंधन करना है या नहीं, उन्होंने कुछ तय नहीं किया है. वो सारे ऑप्शन खुले रखना चाहती हैं. मायावती हर दलों से ज्यादा स्पष्टवादी हैं. इसी कारण उन्होंने सभी दलों को चेता दिया है. वो किसी भी गठबंधन में शामिल हो सकती हैं. लेकिन, वो अभी अपने पत्ते खोलेंगी नहीं.
हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि मायावती अभी फिलहाल कोई जल्दबाजी नहीं करेंगी. वह सोच समझकर गठबंधन करेंगी. वह नहीं चाहती हैं कि उनके ऊपर किसी की बी-टीम का आरोप लगे. साथ ही बीजेपी के साथ राजनीतिक विवाद से भी वह बचना चाहेंगी. कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी कहते हैं कि मायावती ने जो बात कही है, वह बिल्कुल सच है. हम चाहते हैं कि समान विचारधारा को मानने वाले और संविधान के साथ खड़े हुए लोग एक साथ आएं, यही देश के लिए और देश के लोगों के हित में है.
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