मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के भंडारा (Bhandara) में एक अस्पताल में आग लगी. आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की जान चली गई और इस पूरे हादसे की वजह सिस्टम की लापरवाही है. अब पीड़ित परिवार अस्पताल प्रबंधन से उनकी लापरवाही का हिसाब मांग रहे हैं.
10 बच्चों को आग में झोंक दिया!
जिस मां ने अपने जिगर के टुकड़े 9 महीने तक कोख में पाला, जो मासूम उसकी जिंदगी का सहारा था, वो अब इस दुनिया में नहीं है. महाराष्ट्र (Maharashtra) में उन 10 बच्चों की माताएं अपने मासूमों की मौत का हिसाब मांग रही हैं. कुछ लोगों की लापरवाही ने गोद सूनी कर दी. दरअसल, महाराष्ट्र में भंडारा (Bhandara) जिला अस्पताल में अचानक रात दो बजे धुंआ उठा और अफरा तफरी मच गई. अस्पताल के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट वार्ड में आग लग गई. उस वक्त SNCU वार्ड में 17 बच्चे भर्ती थे. अस्पताल के स्टाफ ने बच्चों को बचाने की कोशिश की, लेकिन 17 में से 10 बच्चों की मौत हो गई.
यानी लापरवाही ने 10 जिंदगियों को खत्म कर दिया, क्योंकि आरोप है कि आग लगने की खबर अस्पताल को तुरंत नहीं लगी. बाहर से दरवाजा खोलने पर आग की जानकारी लगी. नर्स ने दरवाजा खोला तो वार्ड में धुंआ देखा, हैरानी की बात ये कि रात 2 बजे जब हादसा हुआ. तब वार्ड में बच्चों के साथ कोई नहीं था और अस्पताल का कोई कर्मचारी भी वार्ड में नहीं था.
महाराष्ट्र में लापरवाही की हद पार
उस दर्द की कल्पना करना भी मुश्किल होगा जो इस वक्त उन माताओं पर बीत रहा होगा, जिसने अपने चिराग को एक अस्पताल (Hospital) की लापरवाही से बुझते देखा. वो मां जिसने अपने 'लाल' को खो दिया. अपने बच्चे को अस्पताल में मरता देखने वाली एक मां ने बताया कि 'मैं उस वक्त ICU में थी, आग की खबर पर नीचे वार्ड में आई, लेकिन मुझे जाने नहीं दिया गया, धुंआ भरा था, हम 7 दिनों से यहां हैं.'
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10 अबोध बच्चे लापरवाही की आग में जल गए या दम घुटने से उनकी मौत हो गई. मासूमों के परिवारों का दर्द असीमित है. जो अपने बच्चों को सही सलामत घर ले जाने की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन उन्हें अपने नौनिहालों का शव तक देखने को नहीं मिला है. पीड़ित परिवारों ने सिर्फ एक ही बात है कि अस्पताल की लापरवाही ने उनके बच्चों की जान ले ली. जिस वार्ड को नवजात बच्चों के इलाज और देखभाल के लिए बनाया गया था, वहीं उनकी जान चली गई.
बच्चों की मौत की जांच के आदेश
भंडारा के डीएम संदीप कदम (Sandeep Kadam) ने इस मामाले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'इस घटना की जांच होगी ,प्रशासनिक और टेक्निकल समिति देखेगी, हमने फायर और इलेक्ट्रिकल एक्सपर्ट्स आएंगे.'
सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने इस मामले की तत्काल जांच का आदेश दे दिया है. महाराष्ट्र सरकार ने पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख रुपए की सहायता का ऐलान किया है, लेकिन क्या कोई जांच.. कोई मदद.. इन बच्चों की जिंदगी लौटा सकेगी. उन बच्चों के माता-पिता मासूमों को खुशी खुशी घर ले जाने की बजाय गम और दर्द साथ लेकर जा रहे हैं. अपने घर में किलकारियों की आरजू जिदगी भर इनके सीने में कसक बनकर बरकरार रहेगी.
क्या ये हादसा नहीं हत्या है? लापरवाही के 5 सबूत
पहला सबूत- आग लगने की खबर अस्पताल को तुरंत नहीं
दूसरा सबूत- बाहर से दरवाजा खोलने पर आग की जानकारी
तीसरा सबूत- नर्स ने दरवाजा खोला तो वार्ड में धुंआ देखा
चौथा सबूत- हादसे के वक्त वार्ड में बच्चों के साथ कोई नहीं
पांचवां सबूत- अस्पताल का कोई कर्मचारी वार्ड में नहीं
क्या होता है SNCU वार्ड?
आपको ये भी बताते हैं कि SNCU वार्ड क्या होता है? SNCU मतलब स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट.. ये नवजात बच्चों के लिए स्पेशल यूनिट होती है. पैदा होने के बाद से 3 महीने तक के बच्चों को इस यूनिट में रखा जाता है. समय से पहले जन्म लिए नवजात का इलाज यहां होता है. वार्ड में प्रीमेच्योर बेबीज की देखरेख और इलाज चलता है. जिन बच्चों का कम वजन हो या नवजात बीमार हो, उसका इलाज SNCU वार्ड में होता है.
वार्ड के लिए जरूरी गाइडलाइंस
SNCU वार्ड क्या होता है यो तो आपने जान लिया, लेकिन इस स्पेशल वार्ड के लिए जरूरी गाइडलाइंस क्या होती है. SNCU वार्ड में 24 घंटे डॉक्टर का रहना जरूरी होता है. 24 घंटे नर्स और स्टाफ का रहना जरूरी होता है. मौसम के अनुसार ठंडा और गर्म रखना जरूरी है. उपकरणों की नियमित जांच जरूरी है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इस घटना पर दुख जताया है. पीएम मोदी ने लिखा कि 'महाराष्ट्र के भंडारा में दिल दहला देने वाली घटना हुई, जहां हमने कीमती जीवन खो दिए हैं. पीड़ित परिवारों के साथ मेरी संवेदना है. मुझे उम्मीद है कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएंगे.'
Heart-wrenching tragedy in Bhandara, Maharashtra, where we have lost precious young lives. My thoughts are with all the bereaved families. I hope the injured recover as early as possible.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 9, 2021
गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भी इस घटना के बाद ट्वीट किया और लिखा कि 'महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल में लगी आग बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मुझे इस घटना का बेहद दुख है. मेरे विचार और संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं. भगवान उन्हें इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति दे.'
The fire accident in Bhandara district hospital, Maharashtra is very unfortunate. I am pained beyond words. My thoughts and condolences are with bereaved families. May God give them the strength to bear this irreparable loss.
— Amit Shah (@AmitShah) January 9, 2021
अस्पताल में लगी ये आग लापरवाही की आग है, जिस लापरवाही की आग ने 10 नवजातों के जिंदगी लील ली. हर कोई इस दर्दनाक घटना पर दुख जाहिर कर रहा है, लेकिन जवाबदेही तो उद्धव सरकार की है. क्योंकि अस्पताल के जिस SNCU वार्ड में आग लगी थी, उसमें हादसे के वक्त वार्ड में 17 बच्चे भर्ती थे. और 10 बच्चों की मौत हो गई, अस्पताल का कोई कर्मचारी वार्ड में मौजूद नहीं था.
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