नई दिल्ली: देशभर में कोरोना की दशहत फैली हुई है. कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं. लेकिन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसमें भी सियासत ढूंढ ली. ममता बनर्जी को लगता है कि कोरोना तो बहाना है असल में दिल्ली हिंसा की खबरों को भुलाना है.
'कोरोना' में भी ममता को दिखी 'साज़िश'?
ममता बनर्जी ने कोरोना वायरस को दिल्ली हिंसा से जोड़ दिया. पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर में ममता बनर्जी ने कहा कि दिल्ली हिंसा से ध्यान हटाने के लिए कोरोना वायरस पर शोर किया जा रहा है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि 'दिल्ली की घटना लोग भूल जाएं, असली घटना को भूला देने के लिए कोरोना-कोरोना किया जा रहा है. जब होगा तब बोलना.'
'दीदी' ने की दिल्ली दंगे की CBI जांच की मांग
ममता बनर्जी ने दिल्ली दंगों की न्यायिक जांच की भी मांग की है. उन्होंने ये भी कहा कि 'बंगाल में अगर किसी को चूहा काट जाए तो ये CBI जांच की मांग करते हैं लेकिन इतने लोगों की हत्या के बाद भी न्यायिक जांच नहीं हुई. हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के जज के नेतृत्व में न्यायिक जांच होनी चाहिए.'
ममता पर भाजपा ने किया तीखा प्रहार
वहीं भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल की मुख्मंत्री ममता बनर्जी के इस आरोप का कड़ा जवाब दिया है. भाजपा सांसद ने तो ये तक कह दिया कि ममता बनर्जी का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है.
भारतीय जनता पार्टी के सांसद अर्जुन सिंह ने ममता के इस आरोप पर कहा कि "ममता बनर्जी से पूछे कोई कि लोग भूल गए हैं, क्या? कि मुर्शीदाबाद में क्या हुआ है. उनका दिमागी संतुलन बिगड़ चुका है. उनको इलाज की जरूरत है.
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कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री से लेकर बड़े-बड़े नेता अपील कर चुके हैं कि घबराने की बजाय देश को मिलकर कोरोना से लड़ना चाहिए. लेकिन ममता बनर्जी ने कोरोना को भी नहीं बख्शा. आखिर दंगों में हुई मौत पर ऐसी सियासत कब तक चलती रहेगी.
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