50 से ज्यादा गायों को किया जिंदा दफन, UP के इस जिले में अधिकारी निलंबित

उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की नरैनी नगर पंचायत की मोतियारी मंडी गौशाला के गोवंशों को मध्य प्रदेश के जंगल में कथित रूप से जिंदा दफन करने का मामला सामने आया है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 9, 2021, 03:10 PM IST
  • मुख्य दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
  • उपजिलाधिकारी पर भी लग रहे हैं आरोप
50 से ज्यादा गायों को किया जिंदा दफन, UP के इस जिले में अधिकारी निलंबित

बांदा: उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की नरैनी नगर पंचायत की मोतियारी मंडी गौशाला के गोवंशों को मध्य प्रदेश के जंगल में कथित रूप से जिंदा दफनाने के मामले में शासन ने अधिशाषी अधिकारी (ईओ) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. 

मुख्य दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

इस बीच, नरैनी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक राज करन कबीर ने मामले में मुख्य दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. 

मामले में शासन के उपसचिव राजेन्द्र मणि त्रिपाठी ने जिलाधिकारी बांदा की रिपोर्ट का हवाला देकर बुधवार को नगर पंचायत, नरैनी के अधिशाषी अधिकारी (ईओ) अमर बहादुर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. 

मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौर्य की रिपोर्ट में करीब 50 गोवंशों को जिंदा दफनाने के मामले में ईओ प्रथमदृष्टया दोषी पाये गए हैं. 

उपजिलाधिकारी पर भी लग रहे हैं आरोप

वहीं, भाजपा विधायक राजकरन कबीर ने मीडिया से बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘छोटे अधिकारी को ‘बलि का बकरा’ बनाया गया है, बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी?’’ 

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के पहाड़ी खेरा के जंगल में 50 से अधिक गायों को जिंदा दफनाया गया था. 

इसमें उपजिलाधिकारी नरैनी भी शामिल थे.’’ कबीर ने मुख्य विकास अधिकारी की जांच पर सवाल उठाते कहा, ‘‘यह जांच रिपोर्ट भ्रामक है, नरैनी की गौशाला से गोवंशों को ले जाते समय ट्रकों के साथ उपजिलाधिकारी नरैनी और पशु चिकित्साधिकारी साथ गए थे.’’ 

विधायक कबीर ने बताया कि करीब 50 गोवंशों के शवों को गड्ढे से निकालकर उनका पन्ना (मध्य प्रदेश) प्रशासन ने पोस्टमॉर्टम करवाया है, जिनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नरैनी भेजी जा चुकी है. 

उन्होंने कहा कि गोवंशों की ‘जिओ टैग’ से उनके नरैनी गौशाला से संबंधित होने की होने की पुष्टि हुई है. 

पालतू पशुओं की जियो टैगिंग है अनिवार्य

राज्य सरकार ने पालतू पशुओं की जियो टैगिंग अनिवार्य कर दी है. जिन पशुओं को ईयर टैग लगाया जा रहा है उसमें पशुओं से संबंधित पशुपालक का नाम व पता दर्ज किया जाता है. 

इसके बाद ईयर टैग नंबर के हिसाब से विभाग के पोर्टल पर पशु का पूरा ब्योरा फीड कर दिया जाता है. 

जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने बुधवार को बताया था कि शनिवार की शाम नरैनी नगर पंचायत की मोतियारी गल्ला मंडी स्थित अस्थायी गौशाला से 134 गोवंशों को ले जाकर अन्य चार अस्थायी गौशालाओं में स्थानांतरित किया गया था. 

सोमवार को अखबार में इन पशुओं को मध्य प्रदेश के जंगल में जिंदा दफनाने की खबर आने के बाद इसे गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त कर दो दिन के भीतर जांच रिपोर्ट तलब की गयी है. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. 

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