अपने बच्चों को आप भी देते हैं नेस्ले का दूध और सेरेलैक? मिलावट को लेकर आई चौंकाने वाली रिपोर्ट, भारत ने लिया संज्ञान

छोटे बच्चों के लिए नेस्ले के दूध और खाने के प्रोडक्ट में मिलावट की बात सामने आई है. चौंकाने वाली इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नेस्ले भारत समेत एशियाई और अफ्रीकी बाजारों में बेचे जाने वाले बच्चों के दूध और सेरेलैक में मिलावट करता है. दिलचस्प है कि वह इस तरह की मिलावट यूरोप और ब्रिटेन के अपने मुख्य बाजारों में नहीं करता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 18, 2024, 01:13 PM IST
  • चौंकाने वाले नतीजे आए सामने
  • भारत ने रिपोर्ट पर लिया संज्ञान
अपने बच्चों को आप भी देते हैं नेस्ले का दूध और सेरेलैक? मिलावट को लेकर आई चौंकाने वाली रिपोर्ट, भारत ने लिया संज्ञान

नई दिल्लीः छोटे बच्चों के लिए नेस्ले के दूध और खाने के प्रोडक्ट में मिलावट की बात सामने आई है. चौंकाने वाली इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नेस्ले भारत समेत एशियाई और अफ्रीकी बाजारों में बेचे जाने वाले बच्चों के दूध और सेरेलैक में मिलावट करता है. दिलचस्प है कि वह इस तरह की मिलावट यूरोप और ब्रिटेन के अपने मुख्य बाजारों में नहीं करता है.

स्विस जांच संगठन पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (IBFAN) ने नेस्ले के प्रोडक्ट्स में मिलावट का खुलासा किया है. रिपोर्ट के अनुसार, नेस्ले बच्चों को दिए जाने वाले दूध में शुगर का अतिरिक्त इस्तेमाल कर रहा है. वह ऐसा सिर्फ एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी देशों के बाजारों में कर रहा है. 

एक चम्मच में 4 ग्राम शुगर

जांच टीम ने भारत समेत अन्य एशियाई देशों, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के बाजारों में बेचे जाने वाले नेस्ले के मिल्क पाउडर और सेरेलैक को जांच के लिए बेल्जियम की लैब में भेजा था. इसके बाद खुलासा हुआ कि कंपनी के इन प्रोडक्ट्स में प्रति चम्मच 4 ग्राम शुगर मिली होती है. यह एक शुगर क्यूब के बराबर है. वहीं फिलीपींस में 6 महीने के बच्चे के लिए बिकने वाले सेरलैक में 7.5 ग्राम शुगर होती है.

चौंकाने वाले नतीजे आए सामने

नतीजों में यह सामने आया है कि एक साल या उससे ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले दूध फॉर्मूल ब्रांड निडो और 6 महीने से 2 साल के बच्चों के लिए बिकने वाले सेरेलैक में सुक्रोज या शहद के रूप में चीनी मिलाई गई थी. वहीं नेस्ले इंडिया के प्रवक्ता ने इस पर कहा कि कंपनी ने बीते 5 साल में अपनी बेबी फूड में अतिरिक्त शुगर को 30 फीसदी तक कम कर दिया है. हम नियमित रूप से अपने प्रोडक्ट की जांच करते हैं. साथ ही गुणवत्ता, सुरक्षा और स्वाद में समझौता किए बिना अतिरिक्त शुगर को कम करने के लिए कदम उठाते रहते हैं.

भारत ने रिपोर्ट पर लिया संज्ञान

वहीं भारत सरकार के शीर्ष अधिकारी ने एक मीडिया आउटलेट से कहा कि हमने नेस्ले को लेकर आई रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है. हम मामले की जांच करेंगे. सरकार केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण से नेस्ले के बेबी फूड के नमूनों की जांच करने के लिए नियमों का पालन करेगा. साथ ही उच्च अधिकारी इस मामले पर जल्द चर्चा करेंगे.

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