UP में नई आईटी नीति मंजूर, हर मंडल में बनेगा एक आईटी पार्क

उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने राज्य की नई सूचना प्रौद्योगिकी (IT) नीति को बुधवार को मंजूरी दे दी. इसके तहत हर मंडल में एक आईटी पार्क बनाया जाएगा. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में नई आईटी नीति को भी मंजूरी दी गई है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 16, 2022, 08:20 PM IST
  • निजी निवेशकों को दी जाएगी सब्सिडी
  • IT कंपनियों को किया जाएगा प्रोत्साहित
UP में नई आईटी नीति मंजूर, हर मंडल में बनेगा एक आईटी पार्क

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने राज्य की नई सूचना प्रौद्योगिकी (IT) नीति को बुधवार को मंजूरी दे दी. इसके तहत हर मंडल में एक आईटी पार्क बनाया जाएगा. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में नई आईटी नीति को भी मंजूरी दी गई है.

निजी निवेशकों को दी जाएगी सब्सिडी
इसके तहत हर क्षेत्र (पूर्वांचल, पश्चिमांचल, मध्यांचल और बुंदेलखंड) में आईटी सिटी बनाने और हर मंडल में एक आईटी पार्क बनाने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने बताया कि नई नीति के तहत अगर निजी क्षेत्र के निवेशक आईटी पार्क बनाते हैं, तो उन्हें 25 प्रतिशत या 20 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी. साथ ही स्टाम्प शुल्क में 100 प्रतिशत तक छूट मिलेगी. 

वहीं, आईटी सिटी को विकसित करने पर प्रदेश सरकार 25 प्रतिशत या 100 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी प्रदान करेगी. यदि कोई निवेशक आईटी सिटी बनाने का इच्छुक है तो यथा प्रकरण अलग-अलग तरह की सुविधाएं मिलेंगी. 

आईटी कंपनियों को किया जाएगा प्रोत्साहित
प्रवक्ता ने बताया कि अभी तक आईटी सिटी की परिकल्पना लखनऊ और गाजियाबाद या नोएडा तक ही सीमित थी. अब इसे विस्तार दिया गया है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने के लिए निजी आईटी कंपनियों को प्रोत्साहित किया जाएगा. 

इकाई को 20 हजार रुपये छात्र देगी सरकार
इसके तहत अगर कोई कंपनी उत्तर प्रदेश के युवाओं को ज्यादा तवज्जो देती है तो उसके लिए भर्ती सहायता का प्रावधान किया गया है. ऐसे युवा जो उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हों. उत्तर प्रदेश के विद्यालयों से पढ़े हों. ऐसे कम से कम 30 युवाओं को अगर कोई इकाई रोजगार दे रही है तो सरकार हर साल उसे 20 हजार रुपये प्रति छात्र ‘एकबारगी नियुक्ति सहायता’ प्रदान करेगी. 

क्षमता बढ़ाने के लिए मदद करेगी सरकार
प्रवक्ता ने बताया कि इसके अलावा उभरती प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में छात्रों या कर्मचारियों को अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए भी सरकार मदद करेगी. कौशल विकास के लिए चुनिंदा पाठ्यक्रमों और संस्थानों में ऑनलाइन या ऑफलाइन पढ़ाई के लिए सरकार पाठ्यक्रम के शुल्क का 50 प्रतिशत या अधिक से अधिक 50 हजार रुपये तक का सहयोग करेगी. 

ईपीएफ प्रतिपूर्ति की सुविधा मिलेगी
उन्होंने बताया कि नीति में महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के छात्रों, किन्नरों और दिव्यांगों को रोजगार देने वाली आईटी इकाइयों को भी राहत प्रदान की गई है. नीति के अनुसार, ऐसी इकाइयों को ईपीएफ प्रतिपूर्ति की सुविधा मिलेगी. इसमें नई इकाइयों के साथ-साथ विस्तार करने वाली इकाइयों को भी शामिल किया गया है. इसमें घर से काम यानी वर्क फ्रॉम होम की भी सुविधा प्रदान की गई है.

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