एक कठिन परीक्षा बाकी, उद्धव आज साबित करेंगे बहुमत

शनिवार यानी की दोपहर 2 बजे ठाकरे सरकार बहुमत साबित करेगी. नए अध्यक्ष के चुनाव, विरोधी पक्ष नेता की घोषणा और राज्यपाल के अभिभाषण के लिए विधानसभा की दो दिन की विशेष बैठक बुलाई गई है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 30, 2019, 06:44 AM IST
    • उद्धव ठाकरे को पहले गवर्नर ने 3 दिसंबर तक बहुमत साबित करने का समय दिया था
    • राज्य का डिप्टी सीएम कौन बनेगा, नहीं हो पाया है निर्णय
एक कठिन परीक्षा बाकी, उद्धव आज साबित करेंगे बहुमत

मुंबईः भाजपा से तकरार और एनसीपी-कांग्रेस से करार के बाद बड़ी जद्दोजहद से सरकार बनाने वाली शिवसेना को अभी एक और परीक्षा की दरकार है. उद्धव ठाकरे ने सीएम पद की शपथ तो ले ली है, लेकिन अभी उन्हें बहुमत साबित करना है. गठबंधन सरकार के बहुमत साबित करने, नए अध्यक्ष के चुनाव, विरोधी पक्ष नेता की घोषणा और राज्यपाल के अभिभाषण के लिए विधानसभा की दो दिन की विशेष बैठक बुलाई गई है. शनिवार यानी की दोपहर 2 बजे ठाकरे सरकार बहुमत साबित करेगी.

हालांकि किसी कठिनाई की आशंका नहीं है
माना जा रहा है कि ठाकरे सरकार आसानी से बहुमत साबित कर लेगी, क्योंकि शिवसेना के 56, एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं. बहुमत के लिए 145 विधायकों का समर्थन चाहिए और आघाड़ी के पास 154 विधायक हैं. बहुमत साबित करने में अब कोई कठिनाई रह नहीं जाएगा. रविवार को विधानसभा के अध्यक्ष का चुनाव होगा और विरोधी पक्ष नेता की घोषणा होगी. रविवार को ही राज्यपाल का अभिभाषण होगा.

शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा का अस्थायी (प्रोटेम) अध्यक्ष कालिदास कोलंबकर को हटाकर एनसीपी के दिलीप वलसे पाटील को नियुक्त किया गया है. पाटील की निगरानी में ही नई सरकार अपना बहुमत साबित करेगी. कोलंबकर की नियुक्ति भाजपा की ओर से की गई थी.

जल्द साबित करना चाहते हैं बहुमत
शपथ ग्रहण से पहले महा अघाड़ी के तीनों दलों के विधायकों ने एक साथ एकत्रित होकर मुंबई के एक निजी होटल में शक्ति प्रदर्शन किया था. इसके अलावा तीनों दलों ने निर्दलीय विधायकों के भी अपने साथ होने के दावे किए थे. इस दौरान यह दावा किया गया था कि उनके साथ 162 विधायक हैं.

उद्धव ठाकरे को पहले गवर्नर ने 3 दिसंबर तक बहुमत साबित करने का समय दिया था, हालांकि, मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ठाकरे जल्द से जल्द बहुमत साबित करना चाहते हैं. कहा जा रहा है कि इसके पीछे मुख्यमंत्री की मंशा जल्दी कैबिनेट विस्तार करने की है. वहीं इस जल्दी को भाजपा ने शिवसेना का डर बताया है.

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डिप्टी सीएम पद पर अभी संशय
उद्धव ठाकरे सीएम तो बन चुके हैं, लेकिन अभी तक डिप्टी सीएम का नाम नहीं तय हो सका है. हालांकि एनसीपी साथ है और शरद पवार के भतीजे अजित पवार सुबह के भूले की तरह शाम को घर लौट आए हैं, ऐसे में उनके कद को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. वह इन वजहों से डिप्टी सीएम पद के लिए प्रबल दावेदारी रखते हैं.

बागी तेवर ने उनका कद बढ़ा दिया है. लेकिन इस मामले में एनसीपी और कांग्रेस में भी ठन सकती है. जिस तरह से एनसीपी के भीतरी खेमे में राजनीति चल रही है, उसकी वजह से यह पद कांग्रेस के पाले में जा सकता है. कांग्रेस की ओर से बाला साहेब थोराट डिप्टी सीएम बन सकते हैं. हालांकि दोनों के ही नाम पर सिर्फ अटकलें ही चल रही हैं. 

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