नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने बैठक बुलाई है. कांग्रेस की इस बैठक में विपक्षी दल सीएए को लेकर हो रहे प्रदर्शनों और विश्वविद्यालयों में हिंसा के मुद्दे पर विचार करने वाले हैं. लेकिन बैठक से पहले ही विपक्ष दो धड़े में बंट गया.
नागरिकता कानून पर विपक्ष में दो फाड़
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर दबाव बनाने के लिए विपक्षी एकता का दम दिखाने की कोशिश में जुटी कांग्रेस कामयाब होती नहीं दिख रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष की बैठक से खुद को अलग कर लिया है. आम आदमी पार्टी ने भी बैठक में हिस्सा लेने से मना कर दिया है. बैठक में शिवसेना के शामिल होने पर भी सस्पेंस बना हुआ है.
कांग्रेस की ओर से CAA के विरोध में बुलाई गई बैठक में BSP भी शामिल नहीं होगी. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान में कांग्रेस ने BSP को तोड़ा, इसलिए बैठक में पार्टी शामिल नहीं होगी. साथ ही उन्होंने ट्वीट कर कांग्रेस को भला-बुरा सुनाया है.
कांग्रेस पर 'माया वार'
माया ने अपने ट्वीट में कहा जैसा कि 'विदित है कि राजस्थान में कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिए जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहां बीएसपी के विधायकों को तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतयाः विश्वासघाती है. ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा. इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी.'
ममता ने किया मीटिंग से किनारा
उधर बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पहले ही न केवल मीटिंग से किनारा कर लिया था, बल्कि कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों पर सीएए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा फैलाने का आरोप लगाकर गहरी नाराजगी भी जताई. दरअसल, बीएसपी, आम आदमी पार्टी और टीएमसी के बैठक से दूरी बनाने के बावजूद एनसीपी, डीएमके, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, लेफ्ट, एयूडीएफ और कुछ दूसरे दल हिस्सा ले रहे हैं.
कांग्रेस का पलटवार
महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना के भी इस बैठक में शामिल होने के कयास लग रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि माया-ममता और केजरीवाल के विपक्ष की बैठक में ना आने से कोई फर्क पड़ने नहीं जा रहा है.
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सीएए के खिलाफ देश भर में प्रदर्शनों के बीच साझा रणनीति बनाकर कांग्रेस पार्टी सरकार को घेरने में जुटी हुई है. हालांकि इन सबके बीच कांग्रेस पार्टी की ये चाल बेहाल होती दिखाई दे रही है. टीएमसी, बसपा और AAP इस रणनीति पर पानी फेरने के मूड में नजर आ रही है.
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