Rajasthan: बेटे की मौत के गम में पूरे परिवार ने की आत्महत्या

स्थानीय पुलिस के मुताबिक चार महीने पहले कोरोनाकाल में जवान बेटे की मौत हो गई थी. बेटे को खोने के गम में पूरा परिवार अवसाद में आ गया. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 21, 2021, 09:51 PM IST
  • भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का संबंधी है मृतक परिवार
  • चार महीने पहले जवान बेटे की मौत हो गई थी
Rajasthan: बेटे की मौत के गम में पूरे परिवार ने की आत्महत्या

जयपुर: राजस्थान के सीकर जिले से बेहद दर्दनाक खबर आई. कोरोना की चपेट में आने से कुछ महीने पहले जवान बेटे की मौत हो गई थी. इससे पूरा परिवार दुख में डूबा हुआ था. ये असहनीय गम परिवार सहन नहीं कर सका और मां बाप बहन समेत पूरा परिवार एक ही दिन फांसी पर झूल गया. इस खबर ने सभी को हिलाकर रख दिया है. 

मामले की जांच में जुटी पुलिस

स्थानीय पुलिस के मुताबिक चार महीने पहले कोरोनाकाल में जवान बेटे की मौत हो गई थी. बेटे को खोने के गम में पूरा परिवार अवसाद में आ गया. वे लगातार दुख और तनाव के सागर में डूबते जा रहे थे और अंत में रविवार को पति-पत्नी ने अपनी दो जवान बेटियों के साथ फांसी लगा ली. घर के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है.

बेटे के बिना जीना संभव नहीं- सुसाइड नोट में लिखा

घर में पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है. इसमें लिखा है कि हम बेटे अमर के बिना जी नहीं सकते. हम भी दुनिया छोड़कर जा रहे हैं. बेटे के बिना दुनिया बेकार है और किसी को पुलिस परेशान न करें. 

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का संबंधी है मृतक परिवार

आपको बता दें कि मृतक परिवार भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद रहे दिवंगत मदनलाल सैनी के निकट संबंधी हैं. जान देने वाले हनुमान प्रसाद सैनी मदनलाल सैनी के भतीजे हैं. हनुमान (48) अपनी पत्नी तारा (45) और दो बेटियां पूजा (24) और चीकू (22) के साथ घर के कमरे में लटके हुए मिले. वह नजदीक के सरकारी स्कूल में फोर्थ क्लास कर्मचारी थे और पत्नी गृहणी थी. बड़ी बेटी पूजा M.Sc फर्स्ट ईयर और चीकू B.Sc सेकंड ईयर की स्टूडेंट थी.

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दूध वाले के माध्यम से सामने आई हकीकत

आपको बता दें कि रविवार शाम को हनुमान के घर पर रोजाना की तरह दूध देने के लिए लड़का आया था. उसने काफी देर तक घर का दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद परिवार के लोगों के मोबाइल पर कॉल किया और किसी फैन नहीं उठाया. फिर पड़ोसियों की मदद से घर का दरवाजा तोड़ा गया तो सभी परिजन फांसी से झूलते पाए गये.  

पड़ोसियों ने बताया कि 18 साल के जवान बेटे की मौत के बाद पूरा परिवार तनाव में था। बेटे की मौत कोरोना संक्रमण के दौरान हार्ट अटैक से हुई थी. 

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