किसानों को मोहरा बनाना चाहती है शाहीन बाग की बिलकिस दादी

शाहीन बाग में एंटी CAA प्रोटेस्ट हुआ, जिसकी आड़ में राजधानी दिल्ली में दंगाइयों में आग फैला दी. अब शाहीन बाग वाली बिलकिस दादी ने किसानों को मोहरा बनाने वाली पहली चाल चल दी है..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 1, 2020, 06:06 PM IST
  • शाहीन बाग वाली बिलकिस दादी का नया प्लान
  • किसानों के आंदोलन में भड़काने पहुंची दादी
किसानों को मोहरा बनाना चाहती है शाहीन बाग की बिलकिस दादी

नई दिल्ली: 'तुम मुझे दंगा दो, मैं तुम्हारा नेतृत्व करूंगी' जैसी गंदी सोच रखने वाली शाहीन बाग की बिलकिस बानो ने अब किसानों को भड़काने और अपनी साजिश को अंजाम देने की कोशिश की शुरुआत कर दी है. ऐसा हम यूं ही नहीं कह रहे हैं. किसानों के आंदोलन में बिलकिस दादी अपने बेटो के साथ पहुंची थी. जो इस बात का सबूत है कि दादी को सिर्फ दंगा और विरोध पसंद है.

फिर से दिल्ली को दहलाना चाहती है दादी?

सरकार के नये कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन तेज होता जा रहा है. इस बीच शाहीन बाग (Shaheen Bagh) वाली बिलकिस दादी सिंघु बॉर्डर (Singhu border) पर किसान आंदोलन का समर्थन करने पहुंच गई. हालांकि बाद में पुलिस ने उनको उनके बेटों के साथ बाहर रवाना कर दिया.

वैसे तो शाहीन बाग की दादी बिलकिस बानो का कहना ये था कि वो किसानों को समर्थन देने के लिए सिंघु बॉर्डर पंहुची, लेकिन आपको यहां ये याद करना जरूरी है कि शाहीन बाग में हुए एन्टी CAA प्रोटेस्ट का मुख्य चेहरा शाहीन बाग की दादी बिलकिस बानो ही रही हैं. ऐसे में शाहीन बाग की आड़ में पूरे देश को कैसे दंगाइयों ने जलाया, ये किसी से छिपा नहीं है. सवाल तो यही है कि क्या CAA के बाद अब एक बार फिर ये दादी दिल्ली को दहलाना चाहती है?

कैसे सुर्खियों में आई थी दादी बिलकिस?

पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ आंदोलन छिड़ गया, जिसकी आड़ में देश विरोधी हरकतों को अंजाम दिया जाने लगा. 82 वर्षीय दादी बिलकिस उसी वक्त सुर्खियों में आ गई, जब शाहीन बाग में इस कानून के खिलाफ धरना शुरू हो गया. जानकारी के अनुसार ये बिलकिस दादी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की रहने वाली है.

किसानों के हक पर हावी हो रही है राजनीति

वैसे तो ये आंदोलन किसानों का है, लेकिन इसके आड़ में सियासी पार्टियां अपनी-अपनी रोटियां सेंकने में जुटी हुई हैं. कभी कांग्रेस तो कभी AAP, वहीं भीम आर्मी के चंद्रशेखर ने भी गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के आगे अपना डेरा डाल दिया है. वहां बैठकर चंद्रशेखर अपने कार्यकर्ताओं के साथ सियासी दांव आजमा रहे हैं. चंद्रशेखर रावण ने इस दौरान कहा कि "किसान इस देश की रीढ़ की हड्डी है. जिस देश का किसान खुश नहीं रहेगा वो देश कभी खुश नहीं रह पायेगा. हम किसानो के साथ हैं, किसान अन्नदाता है, उनकी वजह से हमारा बच्चे खाना खा पाते हैं. किसान और मज़दूर का चोली दमन का साथ होता है. SDM क्या करता है ये हमने हाथरस में खूब अच्छे से देखा है. Contract Farming  का खेल ख़तम करना चाहिए. सरकार किसान की जमीन हड़पना चाहती है."

ये राजनीति नहीं तो भला और क्या है? रावण की बातों से साफ राजनीति की बू आ रही है. कांग्रेस पार्टी की राजनीति हर किसी के सामने है. कभी सियासी पार्टियां, तो कभी बिलकिस दादी जैसे लोग किसानों भड़काने की साजिश रच रहे हैं. लेकिन उनका ये मंसूबा कामयाब नहीं हो पाएगा.

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