चाचा शिवपाल की सीएम योगी से मुलाकात ने बढ़ाई अखिलेश यादव की टेंशन, अब आगे क्या?

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और जसवंतनगर सीट से विधायक शिवपाल यादव इन दिनों सुर्खियों में हैं. इसकी वजह उनका दिल्ली दौरा और लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ और मंत्री स्वतंत्र देव से मुलाकात करना है.

Written by - Anjani Srivastava | Last Updated : Mar 31, 2022, 08:22 PM IST
  • सपा की बैठक में शामिल नहीं हुए थे शिवपाल
  • शिवपाल यादव नवरात्र में जा सकते हैं बीजेपी में
चाचा शिवपाल की सीएम योगी से मुलाकात ने बढ़ाई अखिलेश यादव की टेंशन, अब आगे क्या?

नई दिल्लीः प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और जसवंतनगर सीट से विधायक शिवपाल यादव इन दिनों सुर्खियों में हैं. इसकी वजह उनका दिल्ली दौरा है, जिसमें उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात की और फिर दिल्ली से लौटकर लखनऊ पहुंचकर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और योगी कैबिनेट 2.0 में मंत्री स्वतंत्र देव से मुलाकात की.

सपा की बैठक में शामिल नहीं हुए थे शिवपाल
इन सभी मुलाकातों के बाद राजनीतिक गलियारों में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल के भाजपा ज्वाइन करने की चर्चाएं तेज हो गई हैं. हालांकि, इस पर उन्होंने कोई भी स्पष्ट प्रतिक्रिया अब तक नहीं दी है. पिछले दिनों सपा कार्यालय में सपा अध्यक्ष की ओर से बुलाई गई बैठक में भी शिवपाल यादव शामिल नहीं हुए थे.

शिवपाल नवरात्र में जा सकते हैं बीजेपी में
राजनीतिक जानकारों की मानें तो दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक शिवपाल के राज्यसभा जाने की चर्चाएं तेज हैं. शिवपाल के करीबियों की मानें तो नवरात्रों में शिवपाल यादव भाजपा में शामिल हो सकते हैं. दिल्ली में जेपी नड्डा और अमित शाह से मुलाकात हो चुकी है और दिल्ली से मिली हरी झंडी के बाद ही लखनऊ में सीएम से मुलाकात हुई थी.

...तो बेटे आदित्य को राजनीति में लाएंगे शिवपाल
सूत्रों की मानें तो शिवपाल यादव अपने बेटे आदित्य यादव के लिए जसवंत नगर सीट छोड़ सकते हैं. अगर सभी समीकरण भाजपा के साथ फिट बैठ गए तो जसवंत नगर सीट से शिवपाल अपने बेटे को राजनीति में उतारेंगे. उत्तर प्रदेश में जुलाई में राज्यसभा की 11 सीटें खाली हो रही हैं. इनमें से 7 से 8 सीटों पर बीजेपी का जीतना तय है. शिवपाल सिंह यादव अब बीजेपी की मदद से राज्यसभा जा सकते हैं. 

अखिलेश से नाराजगी की है चर्चा
शिवपाल यादव की अखिलेश से नाराजगी की कई वजहें हैं. एक तरफ चुनाव से पहले जहां सपा के संरक्षक मुलायम के कहने पर शिवपाल यादव अखिलेश के साथ आए, लेकिन अखिलेश ने ना तो उनके विधायकों को टिकट दिया और ना ही चुनाव के बाद हुई विधायक दल की बैठक में उन्हें बुलाया. यहीं से शिवपाल यादव और बीजेपी के बीच बातचीत का दौर शुरू हुआ और अब शिवपाल यादव को बीजेपी की ओर से राज्यसभा भेजा जा सकता है.

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