गुवाहाटी: असम की सर्वानंद सोनोवाल सरकार (CM Sarvanand Sonowal Government) ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने विधानसभा (Assam Assembly) में एक ऐसा विधेयक पेश किया है जिसके अनुसार अब सरकारी खर्चे में कमी आएगी. सरकार ने सरकारी पैसे से चलने वाले मदरसों की फंडिंग पर रोक लगाने का निर्णय लिया है.
असम में बन्द होंगे सरकारी मदरसे
आपको बता दें कि असम में सभी सरकारी मदरसों (Madrasa) को बंद करने और उन्हें स्कूलों में बदलने संबंधी विधेयक को आज असम सरकार (Assam Government) ने विधान सभा में पेश कर दिया है. विपक्ष की आपत्ति के बावजूद शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने विधान सभा के तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र के पहले दिन इसे पेश किया है.
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निजी मदरसे बन्द करने का कोई उद्देश्य नहीं- हेमंत बिस्वा सरमा
असम के शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने विधान सभा के तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र के पहले दिन इसे पेश करते हुए कहा कि विधेयक निजी मदरसे पर नियंत्रण और उनको बंद करने के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि विधेयक के 'लक्ष्यों और उद्देश्यों के बयान' में 'निजी' शब्द गलती से शामिल हो गया. उन्होंने कहा कि सभी मदरसे उच्च प्राथमिक, उच्च और माध्यमिक स्कूलों में बदले जाएंगे और शिक्षक तथा गैर शिक्षण कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं होगा.
सरकार को होगा करोड़ों रुपये का लाभ
असम निरसन विधेयक 2020' में दो मौजूदों कानूनों असम मदरसा शिक्षा (प्रांतीयकरण) कानून, 1995 और असम मदरसा शिक्षा (कर्मचारियों की सेवा का प्रांतीयकरण और मदरसा शिक्षण संस्थानों का पुनर्गठन) कानून, 2018 को निरस्त करने का प्रस्ताव दिया गया है. इस फैसले से असम सरकार को करोड़ों रुपये का लाभ होगा. असम में 610 सरकारी मदरसे हैं और सरकार इन संस्थानों पर प्रति वर्ष 260 करोड़ रुपये खर्च करती है.
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