सुप्रीम कोर्ट: क्या भारत के नाम से हट जाएगा 'इंडिया'

भारत को कई नामों से पुकारा जाता है. भारत के अलावा इंडिया और हिंदुस्तान इसके चर्चित नाम हैं. कई बार ये सवाल उठता है कि भारत का  'इंडिया' से क्या संबंध है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 30, 2020, 01:11 PM IST
सुप्रीम कोर्ट: क्या भारत के नाम से हट जाएगा 'इंडिया'

नई दिल्ली: यदि हम भारत की बात करें तो कई लोग इसे इंडिया कहकर संबोधित करते हैं और कई लोग इसे हिंदुस्तान कहते हैं. लोग सवाल उठाते रहे हैं कि भारत का 'इंडिया' से क्या संबंध है. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करके इंडिया शब्द समाप्त करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि इंडिया गुलामी का प्रतीक है और समूचे देश को केवल भारत या हिंदुस्तान नाम से पहचान मिलनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर दो जून को सुनवाई करेगा.

अनुच्छेद 1 में संशोधन करने की मांग

सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हुई है जिसमें संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन करके इंडिया शब्द हटा कर देश का नाम भारत या हिन्दुस्तान रखने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने कहा कि इंडिया शब्द से गुलामी की अनुभूति होती है और यदि इसे हटाकर भारत या हिंदुस्तान का ही प्रयोग किया जाए तो इससे देशवासियों में राष्ट्रीय भावना विकसित होगी.

क्या कहता है अनुच्छेद 1

अनुच्छेद 1 कहता है कि भारत अर्थात इंडिया राज्यों का संघ होगा. याचिका में कहा गया है कि इसकी जगह संशोधन करके इंडिया शब्द हटा दिया जाए और भारत या हिन्दुस्तान कर दिया जाए. याचिकाकर्ता का कहना है कि इंडिया शब्द गुलामी का प्रतीक लगता है. देश को मूल और प्रमाणिक नाम भारत से ही मान्यता दी जानी चाहिए.  गौरतलब है कि लोग मानते हैं भारत का इंग्लिश नाम इंडिया है और जब भी इंग्लिश में कुछ बोला जाता है तो भारत को इंडिया ही संबोधित किया जाता है. इस विषय पर कई वर्षों से सवाल उठते रहे हैं.

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याचिका में क्या कहा गया है

आपको बता दें कि याचिका में कहा गया है कि यद्यपि यह अंग्रेजी नाम बदलना सांकेतिक लगता हो लेकिन इसे भारत शब्द से बदलना हमारे पूर्वजों के स्वतंत्रता संग्राम को न्यायोचित ठहरायेगा. भारत को  इंडिया कहकर अंग्रेज संबोधित करते थे और ये पूर्ण रूप से गुलामी और दासता को प्रदर्शित करता है. 1948 में संविधान सभा में संविधान के तत्कालीन मसौदे के अनुच्छेद 1 पर चर्चा हुई थी और उस समय देश का नाम भारत या हिन्दुस्तान रखने की जोरदार वकालत कुछ महापुरुषों द्वारा की गई थी. लेकिन तब ये संभव नहीं हो सका था. अब दो जून को प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता में इस मामले की सुनवाई होगी.

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