नई दिल्ली: सावन के महीने में अलग-अलग क्षेत्रों से गंगा जल लाने के लिए भगवान शिव के भक्तों द्वारा कांवड़ यात्रा निकाली जाती है. इस पवित्र तीर्थयात्रा में भाग लेने वाले भगवाधारी भक्त कांवड़ियों के नाम से जाने जाते हैं.
भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं भक्त
कांवड़ियां भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए गंगा जल लाने के लिए नंगे पैर चलते हैं. कांवड़ियों द्वारा लाया गया पवित्र जल त्रयोदशी तिथि पर उनके गृहनगर में शिव लिंगम को चढ़ाया जाता है.
इस साल कांवड़ यात्रा 14 जुलाई को शुरू हुई और 26 जुलाई को समाप्त हुई. उत्तराखंड में इस साल कांवड़ यात्रा में 3.5 करोड़ से अधिक भक्तों ने हिस्सा लिया, जो एक रिकॉर्ड बन गया.
कांवड़ियों पर हुई फूलों की वर्षा
कांवड़ यात्रा के दौरान, उत्तर भारत में, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सरकारें कांवड़ियों के लिए व्यापक व्यवस्था करती हैं. इस कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यात्रा की व्यवस्था का हवाई सर्वेक्षण किया और कांवड़ियों पर फूलों की वर्षा की.
कांवड़ियों के लिए सीएम योगी के इस सम्मान के तरीके पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए. उन्होंने राज्य सरकार पर कांवड़ियों पर फूल बरसाकर और मुसलमानों के घर पर बुलडोजर चलाकर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया.
सर्वे में सामने आई लोगों की राय
सीवोटर इंडियाट्रैकर ने कांवड़ियों के प्रति उत्तर प्रदेश सरकार के इस स्वागत को लेकर लोगों के विचार जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वे किया.
सर्वे के दौरान, 76 प्रतिशत लोगों ने तीर्थयात्रियों पर फूल बरसाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार का समर्थन किया. हालांकि, 24 प्रतिशत लोगों ने इस पर अपनी अलग राय पेश की.
दिलचस्प बात यह है कि सर्वे के दौरान, एनडीए के अधिकतर मतदाताओं और विपक्षी मतदाताओं ने कांवड़ियों के प्रति योगी सरकार के समर्थन में अपनी बातें कही.
ज्यादातर लोगों ने की सराहना
सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, 91 प्रतिशत एनडीए मतदाताओं और 64 प्रतिशत विपक्षी समर्थकों ने कांवड़ियों के लिए राज्य सरकार की व्यवस्था की सराहना की.
इसी तरह, मुसलमानों समेत विभिन्न सामाजिक समूहों के अधिकतर लोगों ने शिव भक्तों पर फूल बरसाने के यूपी सरकार के कार्य का समर्थन किया.
सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, 82 फीसदी उच्च जाति के हिंदू (यूसीएच), 77 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), 75 फीसदी अनुसूचित जाति (एससी), 68 फीसदी अनुसूचित जनजाति (एसटी) और 62 फीसदी मुस्लिमों ने सीएम योगी द्वारा कांवड़ियों पर फूलों बरसाए जाने का समर्थन किया.
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