कोलकाता: पश्चिम बंगाल में शासन कि तानाशाही और व्याप्त अव्यवस्था के कारण आए दिन केन्द्र और राज्य के बीच मतभेद उभर कर सामने आते रहे हैं. मानवाधिकार दिवस पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने राज्य सरकार पर मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया.
मानवाधिकारों के उल्लंघन में मिसाल है पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर एक बार फिर निशाना साधते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्य ने मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले में एक मिसाल कायम की है.
राज्यपाल ने ‘मानवाधिकार दिवस’ के अवसर पर एक वीडियो संबोधन में तृणमूल कांग्रेस पर यह आरोप लगाते हुए कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के फलने-फूलने के लिए लोगों के अधिकारों की रक्षा करना आवश्यक है. धनखड़ ने टि्वटर पर पोस्ट किए गए अपने संबोधन में कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल ने मानवाधिकारों के उल्लंघन की एक मिसाल कायम की है. लोगों में डर ऐसा है कि वे इस पर खुलकर चर्चा तक नहीं कर सकते.’
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग लेना चाहिए संज्ञान.
राज्यपाल ने टि्वटर पर मुख्यमंत्री को टैग करते हुए कहा, ‘‘ममता बनर्जी आपके शासन में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है जो बेहद चिंताजनक है. बंगाल में कानून का नहीं बल्कि शासक का राज है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए.’’
ममता बनर्जी ने लगाए आरोप
इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मानवाधिकार दिवस के अवसर पर टि्वटर पर पोस्ट किए गए एक संदेश में मौलिक अधिकारों का हनन करने वाली ताकतों को हराने के लिए लोगों के बीच एकता का आह्वान किया.बनर्जी ने लिखा ‘‘आइए हम नफरत और असमानता से ऊपर उठने का संकल्प लें. आइए हम एक साथ आएं और एक-दूसरे के लिए लड़ें, एक-दूसरे के साथ खड़े हों. हम सब मिलकर उन सभी ताकतों को हरा सकते हैं जो हमारे मौलिक अधिकारों का हनन करने की हिम्मत करती हैं.’’
गौरतलब है कि जुलाई 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में पदभार संभालने के बाद से ही कई मुद्दों को लेकर धनखड़ और तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच तनातनी रही है.
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