नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन भी तेज होता जा रहा है. सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन करने और उत्पात मचाने वालों के खिलाफ लोगों में आक्रोश है. CAA के समर्थन में देशभर के कई अलग-अलग हिस्सों में लोग अनोखे तरह से इस कानून का समर्थन कर रहे हैं.
गुजरात में नागरिकता कानून का समर्थन
गुजरात के मोरबी में लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रैली निकाली. साथ ही यहां अफवाह फैलाने वालों पर मुकदमे दर्ज करने की मांग की गई है. गुजरात के आणद और द्वारका में भी लोगों ने समर्थन में रैली निकाली. इस दौरान लोगों ने बवाल करने वालों को जमकर लताड़ लगाई.
राजस्थान में भी कानून के साथ
राजस्थान के कोटा में बड़ी संख्या सड़क पर निकलकर लोगों ने नागरिकता कानून के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया. लोगों का कहना है कि विरोध करने वालों को ये तक नहीं पता कि इस नागरिकता संशोधन कानून के बारे में ABCD की जानकारी भी नहीं है, वो अफवाह और बहकावे में आकर सड़कों पर उतर रहे हैं और बवाल काट रहे हैं.
महाराष्ट्र में CAA के साथ आए लोग
मुंबई के अंधेरी में भी कानून के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतरे. महाराष्ट्र के नागपुर में आज CAA और NRC के समर्थन में लोकाधिकार मंच ने रैली निकाली और हाथ में समर्थन के पोस्टर लेकर लोगों को इस कानून के प्रति जागरुक किया. नागपुर के यशवंत स्टेडियम से ये समर्थन रैली शुरू हुई.
कई सामाजिक संगठनों ने रैली निकालकर इस कानून को देश के लिए जरूरी बताया है. साथ ही कानून को लेकर फैली अफवाहों से लोगों को दूर रहने की भी अपील की गई है. देशभर के अलग- अलग विश्वविद्यालयों के 1 हजार से अधिक प्रोफेसर ने भी नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में एक पत्र जारी किया है.
पहले लगाई आग अब हवन का सहारा!
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पहले कुछ दंगाइयों ने प्रदर्शन के नाम पर देश में आग लगाई, अब एनआरसी और CAA को रोकने के लिए अब हिंसा के अलावा पूजा पाठ का भी सहारा लिया जा रहा है. पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में काली पूजा और यज्ञ किया गया. कमारहाटी देशबंधु नगर में लोगों ने पूरे रीति रिवाज से पूजा पाठ किया और देश में शांति के लिए प्रार्थना की. यहां मौजूद तमाम लोगों ने अपने गले में बैनर लटका कर एनआरसी का विरोध किया.
इसे भी पढ़ें: CAA पर हिंसा: योगी आदित्यनाथ ने धर्मगुरुओं से शांति स्थापित करने में मदद मांगी
लोगों के मुताबिक किसी राजनैतिक दल की तरफ से नहीं बल्कि इलाके के लोगों ने ही एनआरसी और नागरिकता कानून के विरोध में यज्ञ कराने का फैसला लिया. लेकिन CAA की आड़ में जिस तरह से देश को जलाया जा रहा है. हिंसा भड़काई जा रही है, वो ऐसे यज्ञ से छिप नहीं सकती है.