TMC suspended Sheikh Shahjahan: तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को संदेशखाली मामले के मुख्य आरोपी शेख शाहजहां को पार्टी से बाहर कर दिया है. संदेशखाली एक जगह है, जहां कई महिलाओं के साथ कई दिनों तक यौन उत्पीड़न किया गया और उनकी जमीन हड़प ली गई. पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद, पार्टी ने शाहजहां को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित करने के फैसले की घोषणा की. अब शेख शाहजहां उन सभी पार्टी पदों को खो देंगे जो टीएमसी के कद्दावर नेता के पास हुआ करते थे. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पश्चिम बंगाल की निर्धारित यात्रा के एक दिन पहले आया.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन, पश्चिम बंगाल के मंत्री ब्रत्य बसु ने शाहजहां पर फैसले की घोषणा की और कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार कानून के शासन को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि भाजपा संदेशखाली मुद्दे पर व्यवधान पैदा करने की कोशिश कर रही है.
भाजपा को चुनौती
डेरेक ने भाजपा को दागी नेता, भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती दी. अब संदेशखाली कुलमिलाकर केंद्र बनाम पश्चिम बंगाल और भाजपा बनाम तृणमूल का मुद्दा बन गया है.
अब तक क्यों गिरफ्तार नहीं हुआ था शेख?
ब्रत्य बसु ने कहा कि शेख शाहजहां को अदालत के आदेश के कारण गिरफ्तार नहीं किया जा सका, जिसका उल्लेख पहले अभिषेक बंद्योपाध्याय ने किया था. बसु ने कहा, 'प्रतिबंध हटने के कुछ ही घंटे बाद किसी केंद्रीय एजेंसी ने नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने शेख शाहजहां को गिरफ्तार किया.'
संदेशखाली-शेख शाहजहां (Sandeshkhali-Sheikh Shahjahan Case Timeline)
5 जनवरी: ED की एक टीम उनके घर पर छापेमारी करने गई थी और शेख शाहजहां के समर्थकों के हमले का शिकार हो गई. ईडी की छापेमारी एक राशन योजना के संबंध में थी. शेख शाहजहां सन्देशखाली से भाग निकले।
8 जनवरी: शेख शाहजहां के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ. स्थानीय महिलाओं ने यह शिकायत करते हुए उनकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग की कि शेख शाहजहां और उनके समर्थक संदेशखाली में महिलाओं के साथ बलात्कार कर रहे हैं.
18 फरवरी: जनवरी और फरवरी में संदेशखाली में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया. 18 फरवरी को शेख शाहजहां के सहयोगी शिबू हाजरा को गिरफ्तार कर लिया गया.
25 फरवरी: तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उच्च न्यायालय ने शेख शाहजहां के खिलाफ जांच पर रोक लगा दी.
26 फरवरी: उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि कोई रोक नहीं है और शाहजहां को गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
29 फरवरी: शेख शाहजहां को पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. CID ने केस अपने हाथ में ले लिया. तृणमूल ने उन्हें छह साल के लिए निलंबित कर दिया.
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