नई दिल्ली: गलवान के ढाई महीने बाद भारत-चीन तनाव पर एक बड़ी खबर आई है. चीन ने एक बार फिर भारत के साथ विश्वाघात किया है और भारत (India) ने एक बार फिर चीन (China) को उसके दुस्साहस का करारा जवाब दिया है. चीन को एलएसी (LAC) पर एक बार भारत के पराक्रम का प्रमाण मिला है.
पैंगोंग में भी चीन की सेना पीछे हटने पर मजबूर
चीन की सेना ने पैंगोंग (Pangong) में अतिक्रमण की कोशिश की. चीन के 500 सैनिक पैंगोंग (Pangong) के थाकुंग इलाके में जमा हो गए. वो टैंकों के साथ आए थे, लेकिन भारतीय सेना (Indian Army) पहले से मुस्तैद थी. भारतीय सैनिकों के पराक्रम के आगे चीन को घुटने टेकने पड़े. चीन के 500 सैनिक अपने टैंकों के साथ पीछे हटने पर मजबूर हो गए. लेकिन यहां आपको पैंगोंग (Pangong) विवाद पर कुछ अहम जानकारी दे देते हैं.
पैंगोंग विवाद को तफसील से समझिए..
पैंगोंग लेक (Pangong Lake) 13 हज़ार 900 फीट की ऊंचाई पर है और इसकी लंबाई करीब 134 किलोमीटर है. इस झील के करीब 66 प्रतिशत हिस्से पर चीन का कब्जा है क्योंकि ये झील चीन के नियंत्रण वाले तिब्बत (Tibet) से निकलकर भारत तक आती है.
पैंगोंग झील के आसपास पहाड़ है और इन पहाड़ों के निचले हिस्सों को फिंगर्स कहा जाता है. क्योंकि इनका आकार हाथ की उंगलियों जैसा है. पैंगोंग झील इन्हीं फिंगर्स के साथ साथ बहती है. फिंगर 4 तक भारत का कब्ज़ा है और फिंगर 3 और 4 के बीच में भारत की पोस्ट भी है.
लेकिन भारत की सेना पश्चिम से पूर्व की ओर फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग भी करती है. क्योंकि भारत का दावा है कि LAC असल में यहीं तक है. इसी तरह चीन ये दावा करता है कि फिंगर 2 तक का इलाका उसका है और इस इलाके की निगरानी के लिए चीन ने फिंगर 8 पर अपनी सैन्य पोस्ट भी बनाई हुई है.
कब शुरू हुआ ताजा विवाद?
अब ताज़ा विवाद तब शुरू हुआ जब चीन ने भारत की सेना को फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग करने से रोक दिया और फिंगर 8 से फिंगर 4 के बीच 8 किलोमीटर इलाके पर कब्जा कर लिया. इसके लिए चीन ने फिंगर 8 और फिंगर 4 के बीच बंकरों का भी निर्माण किया है.
चीन का ऐतिहासिक 'विश्वासघात'
1954 - भारत-चीन में पंचशील समझौता
1962- भारत पर चीन का हमला
1954- हिंदी-चीनी भाई भाई के नारे लगे
1962- अक्साई चिन पर चीन ने कब्ज़ा किया
2014- अहमदाबाद में पीएम मोदी-जिनपिंग की मुलाकात
2017- डोकलाम में चीन के साथ तनाव
2019- महाबलिपुरम में पीएम मोदी-जिनपिंग की मुलाकात
2020- गलवान में चीन ने धोखे से हमला किया
2020- अब पैंगोंग में भी चीन की छल चरित्र
यानी चीन गलवान और पैंगोंग लेक के पास धीरे धीरे उन इलाकों पर कब्जा करना चाहता जो या तो भारत का हिस्सा रहे हैं या फिर भारत और चीन के बीच विवाद का विषय है. और इसीलिए भारत हर हाल में पैंगोंग झील के पास चीन की हरकत पर अंकुश लगाना चाहता है. लेकिन एक बार फिर चीनी सैनिकों ने पैंगोंग में घुसपैठ की कोशिश कर दी.
सवाल नंबर 1) क्या बातचीत से नहीं, तो युद्ध से ही सुधरेगा चीन?
सवाल नंबर 2) क्या चीन के विस्तार को रोकने का सही वक्त आ गया?
सवाल नंबर 3) क्या पैंगोंग में गलवान से भी बड़ा सबक चाहता है चीन?
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