पश्चिम बंगाल की शहीद दिवस रैली से विपक्षी एकता का संदेश! शामिल हो सकते हैं कई दिग्गज

ममता बनर्जी ने कहा है- यह आयोजन महज एक राजनीतिक सभा नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य बंगाल का सम्मान करना, उसकी गरिमा और देश की रक्षा करना है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 20, 2024, 10:00 PM IST
  • कई नेता हो सकते हैं शामिल.
  • कई क्षेत्रों के दिग्गज होंगे शामिल.
पश्चिम बंगाल की शहीद दिवस रैली से विपक्षी एकता का संदेश! शामिल हो सकते हैं कई दिग्गज

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में शहीद दिवस रैली का आयोजन विपक्षी एकता के प्रदर्शन के रूप में भी दिखाई देगा. दरअसल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उनके करीबी सहयोगी एवं ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दल समाजवादी पार्टी (सपा) के चीफ अखिलेश यादव के रविवार को कोलकाता में TMC की शहीद दिवस रैली में शामिल होने की संभावना है.

ममता ने कहा-यह राजनीतिक सभा नहीं
ममता बनर्जी ने इस रैली की तैयारियों का रविवार को जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा-यह आयोजन महज एक राजनीतिक सभा नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य बंगाल का सम्मान करना, उसकी गरिमा और देश की रक्षा करना है. अगर मौसम ठीक रहा तो अखिलेश (यादव) भी इसमें शामिल होंगे. मैंने उन्हें आमंत्रित किया है, क्योंकि हम हर साल अपने दोस्तों को इस रैली में आमंत्रित करते हैं.

कई अन्य क्षेत्रों की हस्तियों को भी बुलाया
बता दें कि राजनीतिक हस्तियों के अलावा ममता ने विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों को आमंत्रित करने का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा-मैंने कई बुद्धिजीवियों को आमंत्रित किया है. रेल सेवाएं सामान्य रूप से चलने की उम्मीद जताते हुए बनर्जी ने कहा-हमने 15 दिन पहले रेलवे से अनुरोध किया था कि वह सुनिश्चित करे कि रेलगाड़ियां रद्द न हों. भीड़ का प्रबंधन करना और रेलगाड़ियों का कुशलतापूर्वक संचालन करना उनका कर्तव्य है.

लोकसभा चुनावों में दमदार प्रदर्शन करने के बाद तृणमूल कांग्रेस रविवार को होने वाली अपनी शहीद दिवस रैली की तैयारी में जुटी है. तृणमूल का मकसद इस रैली के जरिये देश भर में विपक्षी एकता को मजबूती प्रदान करने में अपनी भूमिका को रेखांकित करना और पश्चिम बंगाल में बीजेपी को टक्कर देना है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने X पर कहा-कल (रविवार) 21 जुलाई है. यह दिन बंगाल के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है. 1993 में इसी दिन दमनकारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) शासन ने हमारे 13 साथियों की बेरहमी से जान ली थी. यह हमारे लिए एक तिक्त मील का पत्थर है, जिसे बंगाल के सार्वजनिक लोकाचार के हिस्से के रूप में हर साल मनाया जाता है. हम उन शहीदों के साथ-साथ उन सभी लोगों का सम्मान देना चाहते हैं, जिन्होंने हमारे देश व मानवता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी.

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