नई दिल्ली: Joote Maaro Andolan: महाराष्ट्र के मुंबई में महा विकास अघाड़ी (MVA) ने पुलिस से एक अजीबो-गरीब आंदोलन करने की इजाजत मांगी. लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली. इसे 'जोड़े (जूते) मारो' आंदोलन कहा जा रहा है. पुलिस ने भले इजाजत न दी हो, लेकिन MVA के कई नेता अब भी प्रदर्शन करने और मार्च निकालने पर अड़े हुए हैं. मोर्च आज ही हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा तक निकाला जाएगा. चुनाव नजदीक होने के चले प्रदेश में सियासी हलचल बढ़ गई है.
क्या है मामला?
दरअसल, 26 अगस्त को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग के मालवन में छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा यकायक ढह गई. इसको लेकर विपक्ष भाजपा और शिंदे सरकार पर हमलावर है. शिवसेना (उद्धव गुट) ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस्तीफा मांगा. इसके बाद उन्होंने 'जूते मारो' आंदोलन का ऐलान कर दिया. महाराष्ट्र में चुनावी साल है, इसलिए सियासी घटनाक्रम कुछ तेज है.
PM मोदी और CM ने मांगी माफी
सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना पर PM मोदी, महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे और डिप्टी CM अजित पवार ने माफी मांगी है. लेकिन विपक्षी नेता आक्रोशित हैं. शिवेसना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा कि यह सरकार को जूते मारो आंदोलन है.
बीते साल दिसंबर में हुए अनावरण
बता दें कि बीते साल दिसंबर में नौसेना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची मूर्ति का अनावरण किया गया था. हाल ही में ये गिर गई. उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया है कि प्रतिमा निर्माण में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार हुआ है. इसके लिए उन्होंने सरकार और नौसेना को जिम्मेदार बताया.
आंदोलन में ये नेता शामिल होंगे
इस आंदोलन में शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे, NCP (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले समेत कई विधायक और सांसद शामिल होंगे.
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