कौन हैं चंपत राय? मंदिर आंदोलन को समर्पित जिंदगी, इमरजेंसी के दौरान 18 महीने जेल में गुजारे

Who is Champat Rai: साल 2020 में चंपत राय को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का महासचिव बनाया गया था. चंपत राय यूपी के बिजनौर जिले के रहने वाले हैं. उनका जन्म साल 1946 में रामेश्वर प्रसाद बंसल के परिवार में हुआ था.

Last Updated : Dec 19, 2023, 06:24 PM IST
  • राम मंदिर निर्माण के प्रमुख चेहरे बने चंपत राय.
  • तीन साल से संभाल रहे हैं बेहद अहम जिम्मेदारी.
कौन हैं चंपत राय? मंदिर आंदोलन को समर्पित जिंदगी, इमरजेंसी के दौरान 18 महीने जेल में गुजारे

नई दिल्ली. Ayodhya Ram Temple Update: बीते तीन वर्षों से अयोध्या में बन रहे राम मंदिर निर्माण का मुख्य चेहरा चंपत राय बन गए हैं. मंदिर निर्माण से जुड़ी हर आधिकारिक जानकारी चंपत राय के जरिए ही साझा होती है. चंपत राय लंबे समय तक विश्व हिंदू परिषद से जुड़ रहे और साल 2020 में उन्हें श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का महासचिव बनाया गया था. राम मंदिर केस की सुनवाई के दौरान मुख्य पैरोकार और पक्षकार रहे चंपत राय के लिए यह जिम्मेदारी बेहद अहम थी. इसलिए भी क्योंकि इस आंदोलन को लेकर वह बेहद लंबे समय तक सक्रिय रहे थे. 

आधिकारिक जानकारी करते हैं शेयर
अब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े कार्यक्रम के दौरान भी चंपत राय ही मुख्य चेहरे के रूप में सामने आ रहे हैं. इस कार्यक्रम में कौन आ रहा है, कौन नहीं आ रहा है, कार्यक्रम कब तक चलेगा, अतिथि कहां रुकेंगे, आम लोगों को दर्शन कब से मिलेगा....इस सब सवालों के जवाब चंपत राय देते नजर आते हैं. इतना ही नहीं मंदिर निर्माण से जुड़ी फेक जानकारियों का खंडन करते भी चंपत राय दिखते हैं. हाल में रामलला की मूर्ति निर्माण से जुड़ा उनका एक ऐसा ही वीडियो सामने आया था. 

यूपी के बिजनौर से है ताल्लुक
चंपत राय यूपी के बिजनौर जिले के रहने वाले हैं. उनका जन्म साल 1946 में रामेश्वर प्रसाद बंसल के परिवार में हुआ. राय बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयम् सेवक संघ से प्रभावित होकर उससे जुड़ गए थे. संघ के विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए चंपत राय ने खूब काम किया और वो संगठन के प्रचारक रहे. राय ने रसायन विज्ञान यानी केमिस्ट्री सब्जेक्ट की पढ़ाई की. और बिजनौर जिले के धामपुर में स्थित आश्रम डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में भी काम किया. 

इमरजेंसी में गए थे जेल
एक मीडिया रिपोर्ट में चंपत राय के परिवारवालों के हवाले से कहा गया कि वो (चंपत राय) इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के दौरान रामजन्मभूमि आंदोलन के सिलसिले में गिरफ्तार हुए थे. इसके बाद करीब 18 महीने तक चंपत राय यूपी की अलग-अलग जेलों में बंद करे. जब जेल से बाहर आए तो चंपत राय लौटकर घर नहीं गए बल्कि विश्व हिंदू परिषद का हिस्सा हो गए. इस वक्त राय विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं. 

सौंपी गई थी बेहद अहम जिम्मेदारी
साल 2019 में राम मंदिर केस में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में चंपत राय को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इसी के बाद से वो अपनी भूमिका बेहद गंभीरता के साथ निभाते दिखते हैं. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आमंत्रण पत्र लेकर भी चंपत राय ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गए थे. प्रधानमंत्री ने इस आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. हाल में रामलला की मूर्ति निर्माण से जुड़े एक भ्रम पर भी चंपत राय ने स्पष्ट जानकारी दी थी. 

फेक खबरों का करते हैं खंडन
समचार एजेंसी ने एएनआई से बातचीत में चंपत राय ने कहा-रामलला की नई प्रतिमा अयोध्या में बन रही है. इतना पर्याप्त है. तीन लोग बना रहे हैं. कौन लोग बना रहे हैं, ये मैं कई बार कर चुका हूं. मूर्ति वही बनाएगा जिसे उसकी तकनीकी जानकारी होगी. लेकिन कुछ लोगों को इसी में आनंद आता है कि समाज में नई-नई भ्रांतियां पैदा की जाएं. 

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