नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने संसद में साफ किया है कि भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ (Tiger) है. साथ ही सरकार ने कहा है कि वह गाय को राष्ट्रीय पशु नहीं घोषित करने जा रही है. दरअसल केंद्र सरकार का यह वक्तव्य ऐसे वक्त में आया है जब बीजेपी के ही एक सांसद ने गाय को राष्ट्रीय पशु का दर्जा देने की मांग की है.
केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने संसद में कहा है-भारत सरकार ने बाघ और मोर को राष्ट्रीय पशु और राष्ट्रीय पक्षी के रूप में सूचीबद्ध किया हुआ है. इन दोनों को वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के शेड्यूल-1 में शामिल किया गया है. उन्होंने कहा-बाघ और मोर को राष्ट्रीय पशु और राष्ट्रीय पक्षी के रूप में साल 2011 में भी नोटिफाई किया गया था.
क्या पूछा गया था सवाल
रेड्डी से पूछा गया था कि क्या आम लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए देश में कुछ पक्षी, फूल, जानवर आदि को राष्ट्रीय पक्षी, राष्ट्रीय फूल और राष्ट्रीय पशु के रूप में नामित किया गया है और विशेष दर्जे के साथ-साथ संरक्षण प्रदान किया गया है?
मंत्री ने अपने जवाब में कहा, ‘जैसा कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा सूचित किया गया है, भारत सरकार ने बाघ और मोर को क्रमशः 'राष्ट्रीय पशु' और 'राष्ट्रीय पक्षी' के रूप में अधिसूचित किया है.
राजस्थान के सांसद ने मांगा था जवाब
दरअसल अजमेर के बीजेपी सांसद भागीरथ चौधरी ने संसद में सरकार से पूछा था कि क्या वो गोमाता (गाय) को राष्ट्रीय पशु का दर्जा देने की इच्छा रखती है. उन्होंने कहा कि गोमाता देश की संस्कृति का अभिन्न अंग हैं. चौधरी ने यह सवाल केंद्रीय संस्कृति मंत्री रेड्डी से लिखित रूप में पूछा था. सरकार ने संसद को यह भी बताया कि देश में बाघों की संख्या वर्ष 2006 में 1,411 से बढ़कर 2022 में 3,682 हो गई है.
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