नई दिल्लीः भारत के शीर्ष पहलवानों ने कई राजनेताओं और किसान संगठनों के समर्थन के बीच मंगलवार को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया और कहा कि यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष की गिरफ्तारी नहीं होने तक वे धरना स्थल से नहीं जाएंगे. विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया सहित पहलवानों ने आरोप लगाया कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख अब बाहुबल का सहारा ले रहे हैं और धमकी तथा रिश्वत देकर ‘पीड़ितों’ को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
विनेश फोगाट ने किया ये दावा
विनेश ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण को पीड़ितों के नाम लीक किए हैं जो हरियाणा कुश्ती संघ के महासचिव राकेश और कोच महाबीर प्रसाद बिश्नोई का इस्तेमाल उन महिला पहलवानों के परिवारों को डराने-धमकाने के लिए कर रहे हैं जिन्होंने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. विनेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बृजभूषण अब शिकायतकर्ताओं के नाम जानते हैं. दिल्ली पुलिस ने उन्हें नाम लीक कर दिए हैं. वे धमकियां दे रहे हैं. वे पीड़ितों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं और इसलिए प्राथमिकी दर्ज करने में देरी हो रही है.’’
कहा- लगा था खेल मंत्रालय दखल देगा
उन्होंने कहा, ‘‘हमने सोचा था कि खेल मंत्रालय हमें न्याय देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. लेकिन हमें न्यायपालिका पर भरोसा है. अगर उच्चतम न्यायालय इस मामले से जुड़ी हर चीज को अपने अधीन ले लेता है तो हमें यकीन है कि कोई खेल नहीं खेला जाएगा, तभी हम धरना स्थल छोड़ेंगे.’’ विनेश ने कहा, ‘‘अगर सिर्फ एक प्राथमिकी दर्ज की जाती है तो हम यहां से नहीं जाएंगे. उसे सलाखों के पीछे डालना होगा. अगर वह बाहर रहेगा तो हम सुरक्षित नहीं रहेंगे. अगर वह खुले में घूम रहा है तो हम ट्रेनिंग कैसे करेंगे.’’
अगर पुलिस प्राथमिकी दर्ज करती है और जांच शुरू करती है तो क्या वे संतुष्ट होंगे? विनेश ने कहा, ‘‘लोगों के खिलाफ सैकड़ों और हजारों प्राथमिकी दर्ज हैं लेकिन यह न्याय का सवाल है. जब हमें यकीन हो जाएगा कि हमें बहकाया नहीं जाएगा तो हम विरोध खत्म कर देंगे, नहीं तो हम यहां डटे हुए हैं.’’ कोच महाबीर प्रसाद ने आरोपों से इनकार किया. महाबीर प्रसाद ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि पीड़ित कौन हैं. मुझे इसमें घसीटा जा रहा है क्योंकि मैंने पहलवानों का पक्ष लेने से इनकार कर दिया था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे चाहते थे कि मैं विरोध में उनके साथ रहूं लेकिन मैंने उनसे कहा कि वे मुझे प्रिय हैं और मैं कोचिंग के हिस्से में मदद कर सकता हूं, भले ही वे मुझे तड़के बुलाएं लेकिन मैं एक तरफ खड़ा नहीं रहूंगा क्योंकि महासंघ ने मेरे करियर में भी मेरी मदद की है.’’
जनवरी में भी हुआ था प्रदर्शन
इससे पहले जनवरी में पहलवानों ने करात को प्रदर्शन का हिस्सा बनने से रोक दिया था. पहलवानों ने सोमवार को तमाम पक्षों से समर्थन की मांग की थी. हुड्डा ने लगभग 35 मिनट जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के साथ बिताए. पहलवान जनवरी से ही भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को हटाने की मांग कर रहे हैं जिनके खिलाफ उन्होंने यौन उत्पीड़न और डराने धमकाने के आरोप लगाए हैं. हुड्डा ने जहां कोई बात नहीं की वहीं उदित राज ने प्रदर्शनकारी पहलवानों से उसी तरह अपनी मांग पर अडिग रहने के लिए कहा जिस तरह से किसान अपनी मांगों पर डटे रहे थे. उन्होंने कहा ‘‘जीत आपकी होगी.’’
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