पंचायत चुनाव में जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिजनों को योगी सरकार ने दी बड़ी सौगात

कोरोना काल के दौरान पंचायत चुनाव में मृत सभी सरकारी कर्मियों के आश्रितों के लिए योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 31, 2021, 11:33 PM IST
  • योगी सरकार ने किया नियमों में संशोधन
  • 30 दिन के भीतर मृतक आश्रित को मुआवजा
पंचायत चुनाव में जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिजनों को योगी सरकार ने दी बड़ी सौगात

लखनऊ: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उत्तरप्रदेश में पंचायत चुनाव आयोजित हुए. इसमें कई सरकारी कर्मचारी ड्यूटी करते हुए कोरोना की चपेट में आये और जान चली गयी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पर विपक्ष पहले ही सवाल खड़े कर रहा था कि संक्रमण के साये में चुनाव क्यों करवाये गए. अब योगी सरकार ने विपक्ष को मुद्दाहीन करते हुए सभी दिवंगत सरकारी कर्मियों के परिजनों को 30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है.

कोरोना से जान गंवाने वाले कर्मियों के परिजनों को 30-30 लाख रुपये देगी योगी सरकार

कोरोना काल के दौरान पंचायत चुनाव में मृत सभी सरकारी कर्मियों के आश्रितों के लिए योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. सरकार ने पंचायत चुनाव के दौरान सरकारी कर्मियों के परिवारीजन को 30-30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी.

इसके लिए राज्य सरकार ने पहले के नियमों में बदलाव किया है. सोमवार को हुए कैबिनेट बाइ सर्कुलेशन में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.

30 दिन के भीतर मृतक आश्रित को मुआवजा

राज्य सरकार ने जो बदलाव किया है, उसके मुताबिक अगर चुनाव ड्यूटी के 30 दिन के भीतर किसी कर्मचारी की मृत्यु होती है, तो उसके आश्रित को मुआवजा दिया जाएगा. बदलाव के बाद पोस्ट कोविड के मामलों में भी मृतकों के आश्रितों को लाभ मिल सकेगा.

राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से 1000 से 1200 कर्मचारियों के आश्रितों को लाभ मिल सकेगा. पुराने नियम के तहत सिर्फ 74 मृतक आश्रितों को ही इसका फायदा मिल रहा था.

नए नियम में यह माना गया है कि अगर चुनाव ड्यूटी में लगने के एक महीने के भीतर किसी कर्मचारी की मृत्यु होती है, तो उसके आश्रित को 30 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. राज्य सरकार की तरफ से जो नियमों में बदलाव किया गया है.

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उसमें माना गया है कि 90 प्रतिशत मामलों में बीमारी लक्षण रहित होने की वजह से 2-14 दिन में बीमारी का पता लगना मुश्किल होता है. कई बार एंटीजन, आरटीपीसीआर रिपोर्ट में भी बीमारी की पुष्टि नहीं होती है. ऐसे में सरकार ने मृत्यु की तारीख को ही आधार बनाया जाना चाहिए.

योगी सरकार ने किया नियमों में संशोधन

नियमों में बदलाव के लिए कोविड-19 के ऊपर हुए शोधों का भी हवाला दिया गया है, जिसमें माना गया है कि संक्रमण होने के 28 दिन के भीतर मरीज की मृत्यु होती है इसलिए राज्य सरकार ने इस अवधि को 30 दिन रखा है. इसमें पोस्ट मामले से हुई मृत्यु को भी इसी श्रेणी में रखा गया है.

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