नई दिल्ली: पिछले काफी समय से क्रिकेट टीम इंडिया के वरिष्ठ खिलाड़ी महेन्द्र सिंह धोनी के संन्यास की अटकलें लगाई जा रही हैं. लेकिन धोनी हमेशा से अपनी फिटनेस और प्रदर्शन के आधार पर इन अटकलों को खारिज कर देते हैं. लेकिन इस बार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI ने ऐसा कदम उठाया है. जिसके बाद धोनी को संन्यास लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
BCCI ने धोनी को किया बाहर
महेन्द्र सिंह धोनी को BCCI ने अपनी कांट्रेक्ट लिस्ट से बाहर कर दिया है. धोनी को क्रिकेट बोर्ड द्वारा जारी सूची के किसी भी कैटिगरी में जगह नहीं दी गई है. जिसके बाद धोनी के लिए राष्ट्रीय टीम में खेल पाना मुश्किल हो गया है. विश्वकप से बाहर होने के बाद से धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हैं. वह टेस्ट मैच से पहले ही संन्यास ले चुके हैं.
लेकिन बीसीसीआई के इस कदम के बाद धोनी के संन्यास लेने की घोषणा महज औपचारिकता रह गई है.
कुछ इस तरह धोनी को दिखाया गया दरवाजा
गुरुवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम इंडिया के वरिष्ठ खिलाड़ियों के लिए नए कांट्रेक्ट की घोषणा की. इसमें खिलाड़ियों को चार वर्गों में विभाजित किया गया था.
लेकिन इसमें से भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को किसी भी श्रेणी में जगह नहीं मिली. उन्हें बीसीसीआई की केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची से बाहर कर दिया गया है.
धोनी के भविष्य पर पैदा हुआ संदेह
बीसीसीआई के इस कदम के बाद टीम इंडिया के इस अनुभवी विकेटकीपर-बल्लेबाज के भविष्य पर संदेह पैदा रहा है. धोनी के अलावा दिनेश कार्तिक, खलील अहमद और हाल ही में सेवानिवृत्त हुए अंबाती रायुडू का भी कांट्रेक्ट खत्म किया गया है. बीसीसीआई ने अक्टूबर 2019 से सितंबर 2020 तक की अवधि के लिए कांट्रेक्ट की घोषणा की है.
धोनी की गिनती ए श्रेणी के खिलाड़ियों में होती है. जिसके तहत उन्हें सालाना 5 करोड़ मिलते थे.
गांगुली के अध्यक्ष बनने के बाद BCCI का बड़ा फैसला
हाल ही में BCCI के इतिहास में पहले बार किसी क्रिकेटर के तौर पर सौरव गांगुली को अध्यक्ष बनाया गया है. इसके बाद बोर्ड ने धोनी का कांट्रेक्ट रिन्यू करने से मना कर दिया. क्या इसे गांगुली की धोनी से खुन्नस का नतीजा माना जाए.
क्योंकि धोनी गांगुली को ही हटाकर टीम इंडिया के कप्तान बने थे. गांगुली और धोनी के बीच ग्रेग चैपल ने बेहद गलतफहमियां पैदा कर दी थीं. हालांकि दोनों खिलाड़ियों ने सार्वजनिक रुप से कभी भी एक दूसरे के खिलाफ कुछ नहीं कहा.
लेकिन बीसीसीआई के वर्तमान फैसले के बाद लगता है कि गांगुली के मन में धोनी के लेकर पुरानी फांस अब तक चुभी हुई है.
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