Haridwar Mahakumbh 2021: कैसे शाही बन गया Kumbh में साधु समाज का स्नान

साधु व संत समाज को Mahakumbh के दौरान विशेष योग में पहले स्नान देने का अवसर देने, उनके बाद आम लोगों के स्नान करने की परंपरा है. इस दौरान संत समाज के लोग और अधिष्ठाता विशेष सजी हुई और सोने-चांदी की पालकियों में बैठकर पूर्ण भव्य श्रृंगार के साथ यात्रा निकालते हुए नदी तट तक पहुंचते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 6, 2021, 06:42 AM IST
  • इस बार पहला शाही स्नान (Shahi Snan 2021) 11 मार्च, शिवरात्रि के दिन पड़ेगा.
  • दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल, सोमवती अमावस्या के दिन पड़ेगा.
  • तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल, मेष संक्रांति पर पड़ेगा
  • चौथा शाही स्नान 27 अप्रैल को बैसाख पूर्णिमा के दिन पड़ेगा.
Haridwar Mahakumbh 2021: कैसे शाही बन गया Kumbh में साधु समाज का स्नान

नई दिल्लीः Haridwar Mahakumbh-2021 का आगाज हो चुका है. 14 जनवरी से इसकी शुरुआत होगी और यह 48 दिनों तक चलेगा. Mahakumbh के दौरान देश-विदेश से लोग आकर आस्था की डुबकी लगाएंगे और तब चारों दिशाएं हर-हर गंगे के उद्घोष से गूंज उठेंगी.

Mahakumbh का जिक्र होता है तो गंगा स्नान के साथ एक और शब्द खूब सुनाई देता है, शाही स्नान. जब मां गंगा की शरण में मनुष्य अपने सारे बाहरी आवरण छोड़ कर जाता है तो फिर इस आध्यात्मिक यात्रा में शाही कहां से शामिल हुआ? 

क्या है यह शाही स्नान? 
साधु व संत समाज को Mahakumbh के दौरान विशेष योग में पहले स्नान देने का अवसर देने, उनके बाद आम लोगों के स्नान करने की परंपरा है. इस दौरान संत समाज के लोग और अधिष्ठाता विशेष सजी हुई और सोने-चांदी की पालकियों में बैठकर पूर्ण भव्य श्रृंगार के साथ यात्रा निकालते हुए नदी तट तक पहुंचते हैं.

इस दौरान रास्ते भर हर-हर महादेव, जय मां गंगे गूंजता रहता है. यह स्नान के साथ-साथ संत समाज का एक तरीके शक्ति प्रदर्शन भी है. 

यह भी पढ़िएः Haridwar Mahakumbh 2021: जानिए, कैसे तय होता है कहां आयोजित होना है कुंभ

क्या है इतिहास
शाही स्नान को लेकर अनेक मत हैं. कहा जाता है कि जिस तरह से Mahakumbh या Kumbh वैदिक और पौराणिक इतिहास है उस तरह का जिक्र या ऐतिहासिक दस्तावेज शाही स्नान को लेकर नहीं मिलता है. फिर भी 13वीं-14वीं शताब्दी के इतिहास में पेशवाई और शाही स्नान जैसे शब्द उस समय के राजनीतिक दस्तावेजों में मिलते रहे हैं. 

 ऐसे में माना जाता है कि शाही स्नान पौराणिक भले ही न हो, ऐतिहासिक तो है ही. यह सदियों पहले शुरू हुआ और आज सदियों पुरानी परंपरा के रूप में विकसित होकर सामने है. 

क्यों पड़ी जरूरत
आज भले ही शाही स्नान परंपरा है, लेकिन एक वक्त में इस शक्ति प्रदर्शन की जरूरत वाकई रही होगी. भारत का इतिहास आक्रमणों और आक्रांताओं की कारगुजारियों के साथ बना है. ऐसे में धर्म और धार्मिक आस्था पर आंच आने के संकट ने इस तरह के आयोजन को जरूरत बनाया होगा.

1398 ईस्वी में तैमूर लंग भारत आ चुका था. उस साल भी हरिद्वार में कुंभ का आयोजन हुआ था. इस दौरान तैमूर हरिद्वार पहुंचा और खूब लूटपाट की और कत्ले आम मचाया था. 

यह भी पढ़िए ःHaridwar MahaKumbh-2021: जानिए कितने तरह के कुंभ मेले

इसलिए पड़ी जरूरत
मुगल शासक भारत में अपनी जड़ें जमाने लगे थे. यह 14वीं शताब्दी का दौर था. ऐसे में साधु और शासक वर्ग में संघर्ष बढ़ा. मुगल इस बारे में चालाक थे वह जानते थे कि इतने बड़े और व्यापक धार्मिक समुदाय से सीधे टक्कर नहीं ली जा सकती है. लिहाजा शासक और साधु समाज में संघर्ष रोकने के लिए बैठक हुई.

उन्हें उनकी धार्मिक स्वतंत्रता दी गई. झंडे औऱ काम का बंटवारा हुआ. राजा आदि धनी साधुओं को खुले हाथों से दान करते थे. संत समाज में भौतिक का कोई स्थान नहीं होता था. ऐसे में Mahakumbh के दौरान साधु समाज पूरे ठाट-बाट से निकलता था. यही परंपरा शाही स्नान बनकर विकसित हुई. 

शाही स्नान की तिथियां
 अखाड़ों की ओर से झांकियां निकाली जाती हैं. इसमें नागा बाबा आगे-आगे चलते हैं और उनके पीछे महंत, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर होते हैं. 

इस बार पहला शाही स्नान (Shahi Snan 2021) 11 मार्च, शिवरात्रि के दिन पड़ेगा. दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल, सोमवती अमावस्या के दिन पड़ेगा. तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल, मेष संक्रांति पर पड़ेगा और चौथा शाही स्नान 27 अप्रैल को बैसाख पूर्णिमा के दिन पड़ेगा.

यह भी पढ़िए ः Haridwar Mahakumbh 2021: जानिए, कुंभ स्नान का महत्व जो पुराणों में बताया गया है

टीवी होगा आपकी मुट्ठी में. डाउनलोड करिए ज़ी हिंदुस्तान ऐप. जो आपको हर हलचल से खबरदार रखेगा.. नीचे के लिंक्स पर क्लिक करके डाउनलोड करें-

Android Link - https://play.google.com/store/apps/details?id=com.zeenews.hindustan&hl=en_IN

iOS (Apple) Link - https://apps.apple.com/mm/app/zee-hindustan/id1527717234

 

ट्रेंडिंग न्यूज़