भाई-बहन के साथ घर लौट आए भगवान जगन्नाथ, संपन्न हुई बाहुदा रथ यात्रा

सर्वोच्च अदालत के निर्देश के तहत रथयात्रा की ही तरह बुधवार को बाहुदा रथ यात्रा निकाली गई. भगवान जगन्नाथ मौसी के घर पर 9 दिनों तक रहने के बाद भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा को साथ लेकर महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी जन्म वेदी से रत्न वेदी को रवाना हुए. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 2, 2020, 10:21 AM IST
    • प्रभु की वापसी यात्रा में बड़दांड (श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर तक का मार्ग) भक्तों से खाली रहा
    • रथयात्रा की ही तरह बुधवार को बाहुदा रथ यात्रा निकाली गई
भाई-बहन के साथ घर लौट आए भगवान जगन्नाथ, संपन्न हुई बाहुदा रथ यात्रा

जगन्नाथ पुरीः 9 दिन तक मौसी के घर जाने की लीला करने बाद भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ पुरी के धाम मंदिर में वापस लौट आए. बुधवार को श्रद्धालुओं ने भगवान की बाहुदा रथ यात्रा निकाली. इस दौरान पुरी शहर को शटडाउन नहीं किया गया था. हालांकि  कड़ी सुरक्षा के बीच यह धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराया गया. 

नहीं जुटे श्रद्धालु
जानकारी के मुताबिक सर्वोच्च अदालत के निर्देश के तहत रथयात्रा की ही तरह बुधवार को बाहुदा रथ यात्रा निकाली गई. भगवान जगन्नाथ मौसी के घर पर 9 दिनों तक रहने के बाद भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा को साथ लेकर महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी जन्म वेदी से रत्न वेदी को रवाना हुए.

हर साल सामान्य स्थिति में यह यात्रा देखने के लिए भी करीब 10 लाख लोगों की भीड़ जुटती है, लेकिन इस बार संख्या बल न के बराबर ही रहा. 

गजपति महाराज ने संपन्न कराई प्रक्रिया
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, प्रभु की वापसी यात्रा में बड़दांड (श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर तक का मार्ग) भक्तों से खाली रहा. भक्तों की जगह पर इस बार श्रीमंदिर के सेवक एवं पुलिस कर्मचारियों ने तीनों रथों को खींचा और श्री विग्रहों को गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर तक पहुंचाया गया.

महाराज गजपति ने इस दौरान मां लक्ष्मी और प्रभु जगन्नाथ की वंदना की. मान्यता है कि भगवान के अकेले ही मौसी के घर चले जाने से लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं. वापसी में लौटते हुए उनका प्रभु से मार्ग में मिलन कराया जाता है. 

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