Ind vs Ban 1st Test: भारत का 19 सितंबर से बांग्लादेश के खिलाफ पहला टेस्ट मैच शुरू होगा. लेकिन जसप्रीत बुमराह और इस फैक्स के बारे में कोई बात नहीं कर रहा है कि उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए भारत की टीम में क्यों चुना गया है? यह बात उतनी ही बड़ी है, जितनी कि यश दयाल को भी पहली बार मौका दिया गया है. रविवार को, बीसीसीआई ने बिना समय गंवाए दलीप ट्रॉफी के पहले दौर के मैच समाप्त होने के कुछ ही घंटों बाद बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए भारत की 16 सदस्यीय टीम की घोषणा कर दी. उसमें सबकी नजर ऋषभ पंत पर थी, जो दो साल पहले कार दुर्घटना के बाद पहली बार मैदान पर नजर आएंगे, लेकिन बुमराह का लिस्ट में नाम चौंकाने वाला था.
यह आश्चर्य की बात क्यों है? क्योंकि सभी संकेत इस ओर इशारा कर रहे थे कि बुमराह भारत के नए घरेलू सत्र के पहले दो टेस्ट मैचों में नहीं खेलेंगे. इस साल के अंत में शुरू होने वाली हाई-प्रोफाइल बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी और बुमराह के स्ट्रेस फ्रैक्चर को देखते हुए, यह माना जा रहा था कि वह न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों के लिए वापसी करेंगे, जो कि ऑस्ट्रेलिया में होने वाले पांच टेस्ट मैचों की तैयारी होगी. 15 अगस्त को पीटीआई की एक रिपोर्ट में बीसीसीआई के एक सूत्र के हवाले से यह बात कही गई थी.
कहा गया था, 'बुमराह के मामले में, वह अपने शरीर को सबसे अच्छी तरह से जानता है और यह उस पर निर्भर करेगा कि वह बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैचों में खेलना चाहता है या नहीं. टीम प्रबंधन और चयनकर्ता इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट हैं कि भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सभी पांच टेस्ट मैचों के लिए 120 प्रतिशत फिट जसप्रीत बुमराह की जरूरत है. उससे पहले, भारत में न्यूजीलैंड है, जहां वह शायद खेलेगा और कठिन परीक्षणों के लिए तैयार होगा.'
25 दिनों में क्या बदलाव आया?
क्या यह श्रीलंका के खिलाफ भारत की वनडे सीरीज की हार के घाव थे या बांग्लादेश की पाकिस्तान पर 2-0 की ऐतिहासिक जीत? खैर, ऐसा लगता है कि बुमराह की वापसी में दोनों ने भूमिका निभाई. दरअसल, बीसीसीआई भारत की तेज गेंदबाजी लाइन-अप में बड़ा बदलाव करने के लिए पूरी तैयारी में था. अजीत अगरकर के चयनकर्ताओं का पैनल अधिक युवा तेज गेंदबाजी आक्रमण को साथ लाना चाहते थे, जिसमें संभवतः अर्शदीप सिंह और खलील अहमद की बाएं हाथ की जोड़ी शामिल थी, जिन्होंने क्रमशः भारत डी और भारत ए का प्रतिनिधित्व किया था. हालांकि, उनमें से कोई भी अच्छा प्रदर्शन नहीं दिखा सके तो इसके बजाय, उन्होंने मोहम्मद सिराज और बुमराह के साथ मिलकर आकाश दीप और यश दयाल को शामिल किया, जिससे चार तेज गेंदबाजों के साथ पेस अटैक तैयार हुआ.
बांग्लादेश को नहीं ले सकते हल्के में
श्रीलंका के खिलाफ भारतीय गेंदबाजी आक्रमण में कमी दिखी, सिराज, अर्शदीप उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. श्रीलंका के मुश्किल में होने के बावजूद भारत के गेंदबाज फिनिशिंग टच नहीं दे पाए, इसलिए बुमराह की कमी खल रही थी. इसके अलावा, हार्दिक पांड्या के न होने से भारत के पास पांचवां गेंदबाजी विकल्प नहीं था, जिसके चलते हेड कोच गौतम गंभीर को रियान पराग और अन्य की पार्ट-टाइम ऑफ-स्पिन पर निर्भर होना पड़ा. भारतीय सरजमीं पर क्रिकेट की वापसी और चेन्नई के चेपक स्टेडियम में बांग्लादेश के स्पिनरों को गेंदबाजी करने का मौका मिलेगा, ऐसे में भारत अपने नंबर 1 गेंदबाज के बिना बांग्लादेश जैसी अप्रत्याशित टीम का सामना नहीं कर सकता. पाकिस्तान टेस्ट में सबसे ज्यादा 10 विकेट लेने वाले मेहदी हसन और शाकिब-अल-हसन बड़ी चुनौती पेश करेंगे और भारत घरेलू मैदान पर हार का जोखिम नहीं उठा सकता.
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