नई दिल्ली: एक पाकिस्तानी पत्रकार ने एक टूर्नामेंट के दौरान राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टीम के खिलाड़ियों के शॉर्ट्स पहनने पर आपत्ति जताई जिसके बाद उसे आलोचना का सामना करना पड़ा.
'इस्लामिक देश में शॉर्ट्स पहनकर खेलना गलत'
काठमांडू में चल रही सैफ चैंपियनशिप में पाकिस्तान के मालदीव को सात गोल से हराने के तुरंत बाद पत्रकार ने आपत्ति जताई. लंबे अंतराल के बाद अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेते हुए भारतीय महिला टीम ने चैंपियनशिप में आठ साल में पहली जीत दर्ज की लेकिन टूर्नामेंट को कवर करने वाले संवाददाता ने खिलाड़ियों की किट पर ध्यान केंद्रित करना पसंद किया.
मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में संवाददाता ने टीम के मैनेजर और अन्य अधिकारियों से पूछा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि हम इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान से ताल्लुक रखते हैं जो एक इस्लामिक देश है, मैं पूछना चाहता हूं कि इन लड़कियों ने शॉर्ट्स क्यों पहन रखी हैं, लेगिंग क्यों नहीं?’’ कई लोगों ने खिलाड़ियों के कपड़ों पर ध्यान केंद्रित करने और उनकी उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित नहीं करने के लिए संवाददाता को कड़ी फटकार लगाई और सात में से चार गोल करने के लिए ब्रिटिश-पाकिस्तानी फुटबॉलर नादिया खान की तारीफ की.
संकीर्ण मानसिकता के लिए पत्रकार को लगी फटकार
राष्ट्रीय टीम के कोच आदिल रिजकी ने इस सवाल से स्पष्ट रूप से चकित होकर कहा कि खेलों में ‘हर किसी को प्रगतिशील होना चाहिए’. उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक पोशाक का सवाल है तो हमने कभी किसी को रोकने की कोशिश नहीं की, यह कुछ ऐसा है जिसे हम नियंत्रित नहीं करते.’’ वीडियो में संवाददाता के इस तरह के सवाल से सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई.
टीवी एंकर और आरजे अनुषी अशरफ, स्क्वाश खिलाड़ी नूरेना शम्स और कई अन्य खिलाड़ियों के समर्थन में सामने आए और संवाददाता को उसकी संकीर्ण मानसिकता के लिए फटकार लगाई. अन्य लोगों ने भी संवाददाता की आलोचना करते हुए कहा कि अगर उसे खिलाड़ियों को शॉर्ट्स में देखने में समस्या थी तो उसे इस कार्यक्रम को कवर नहीं करना चाहिए था.
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